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नई दिल्ली। नोटबंदी का असर कालाधन जमा करने वालों पर दिखाई देने लगा है। पांच सौ और एक हजार रुपए की नोटबंदी के चलते कालाधन खपाने वाले हवाला कारोबारी भी डरे-सहमे हुए हैं। जब से कश्मीर घाटी में सिक्युरिटी फोर्स ने कार्रवाई की है तब से हवाला कारोबारी डरे हुे हैं। अब वे कालाधन या हवाला राशि लेने से घबरा रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कालेधन पर रोक लगाने की कार्रवाई के बाद हवाला कारोबार की कमर टूट गई है। कालेधन पर रोक लगाने के पीएम मोदी ने जो चाबुक चलाया है, उससे हवाला कारोबार में 80 फ ीसद गिरावट दर्ज की गई है। खुफिया एजेंसी आईबी रिपोर्ट के मुताबिक, खाड़ी देशों और कश्मीर घाटी के बीच एक भी ट्रांजेक्शन नहीं हुई है। फि लहाल हवाला कारोबारी अंडरग्राउंड हो गए हैं। हवाला कारोबारों का गढ़ दिल्ली, जयपुर, अहमदाबाद और मुंबई में हवाला कारोबारी छिप गए हैं। आईबी ने इस संबंध में गृह मंत्रालय को यह रिपोर्ट सौंपी है। इसमें बताया है कि पिछले तीन दिनों से हवाला के जरिए खाड़ी देशों और कश्मीर घाटी के बीच कोई लेन देन नहीं किया गया है। मंत्रालय ने आईबी और नेशनल इंवेस्टिगेटिव एजेंसी को नोट बंदी के असर की निगरानी की जिम्मेदारी दी है। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के सर्वे में भी इसी तरह के फैक्ट्स सामने आए हैं। यही नहीं मनी लॉन्ड्रिंग रुक सी गई है। वहीं हिजबुल मुजाहिदीन कमांडर बुरहान वानी के मारे जाने के बाद आईबी और एनआईए कश्मीर घाटी में हवाला फं डिग की जांच कर रहे हैं। कश्मीर घाटी में सुरक्षा बलों की कार्रवाई के कारण हवाला कारोबारियों में डर है। वो कालेधन से घबरा रहे हैं और कोई खतरा नहीं उठाना चाहते। यहीं नहीं जाली नोटों की आवाजाही भी थम गई है। गौरतलब है कि देश में हवाला कारोबार दुबई और पाकिस्तान से कंट्रोल होता है। हवाला राशि कश्मीर, बांग्लादेश, नेपाल होते हुए भारत में आती है और बाहर जाती है। खुफिया विभाग, इंकम टैक्स, सेल टैक्स आदि विभागों की निगरानी और ताबडतोड कार्रवाई से घबराकर कालाधन और हवाला कारोबार में लिप्त लोगों के होश उड़े हुए हैं।

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