Rama's devotees do not want to live in chic Ram Lala: Maurya

लखनऊ। अयोध्या में राम लला के लिए भव्य मंदिर के निर्माण पर विश्वास जताते हुए उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशवप्रसाद मौर्य ने आज कहा कि हर राम भक्त की इच्छा है कि ह्यराम टाट में नहीं ठाठ में रहें। उन्होंने पीटीआई….भाषा से कहा, ….भगवान रामआज भी उसी हालत में हैं जैसे वह विवादित ढांचा ढहने से पहले थे …. परंपरा और रीतियों के अनुसार उनकी हर रोज पूजा होती है लेकिनवह (राम) टाट के नीचे हैं। हर राम भक्त चाहता है कि भगवान राम टाट में ना रहें बल्कि ठाठ में रहें। मौर्य ने कहा कि वहां भव्य राम मंदिरबनना चाहिए।उन्होंने कहा कि राम जन्मभूमि बाबरी मस्जिद विवाद के मामले में अदालत की दैनिक सुनवाई पांच दिसंबर से शुरू होगी। मुझे विश्वास है कि सुनवाई के बाद जल्द फैसला आएगा।

मौर्य ने कहा कि एक बार राम मंदिर का निर्माण हो जाए तो यह विहिप नेता अशोक सिंघल, महंतरामचंद्र दास परमहंस और कुबार्नी देने वाले कारसेवकों को सच्ची श्रद्धांजलि होगी।आर्ट आॅफ लिविंग के संस्थापक श्री श्री रवि शंकर की पहल के बारे में मौर्य ने कहा कि अगर कोई पहल करता है तो सरकार की ओर से उसकाविरोध नहीं है चाहे वह इस मामले में पक्ष हो या ना हो। जिन्होंने पहल की है, उनके पास रोडमैप होना चाहिए। ह्यह्यलेकिन सरकार की ओर सेहम या तो संबद्ध पक्षों के बीच समझौते या उच्चतम न्यायालय के फैसले का इंतजार कर रहे हैं। मौर्य ने सपा संस्थापक मुलायम सिंहयादव पर निशाना साधते हुए कहा कि वह जानबूझकर राम भक्तों के घाव हरे कर रहे हैं। कोई भी राम भक्त मुलायम के शासन में कारसेवकों पर गोलीबारी को भूल नहीं सकता।कुछ दिन पहले ही मुलायम ने कारसेवकों पर गोलीबारी को सही ठहराते हुए कहा था कि देश की एकता अखंडता के लिए अगर और लोगों कोमारने की आवश्यकता होती तो सुरक्षाबल उन्हें भी मार देते।मौर्य ने कहा कि अयोध्या भगवान राम का जन्मस्थान है और करोड़ों हिन्दुओं की आस्था का प्रतीक है।भगवान राम की तुलना कृष्ण से करने को लेकर मुलायम और उनके बेटे सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की टिप्पणियों पर मौर्य ने कहा किउन्होंने निश्चित तौर पर समाज को बांटकर कुछ तात्कालिक फायदे लिये है। अब वह भगवान को भी बांटकर कुछ तात्कालिक फायदा चाहते हैं। हालांकि समाज को तो वह बांट सकते हैं लेकिन भगवान को नहीं बांट सकते। अब उन्होंने साबित कर दिया है कि वह समाज कोबांटने में भी विफल रहे क्योंकि अब जनता उनके असल रंग को पहचान चुकी है। उन्होंने कहा कि हमारे लिये अयोध्या कभी राजनीतिकमुद्दा नहीं रहा और भविष्य में भी नहीं होगा। यह आस्था का मामला है। सपा, बसपा और कांग्रेस आस्था को राजनीति से जोड़ देते हैं।

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