– लोकायुक्त ने एक सौ करोड़ के घटिया सड़क निर्माण में दोषी अफसरों व कंपनियों को क्लीनचिट दिए जाने के मामले में लिया प्रसंज्ञान
जयपुर। राजधानी में एक सौ करोड़ रुपए की घटिया सड़कें बना दी गई। शिकायत में मामला सही पाया गया तो दोषी अफसरों को चार्जशीट थमा दी गई और कंपनियों को भी नोटिस दिए, हालांकि बाद में मामला ठण्डा पड़ते ही दोषी अफसरों व कंपनियों को क्लीनचिट दे दी गई। यहीं नहीं अफसरों को फिर से फील्ड पोस्टिंग दे दी गई और कंपनियों को सड़क व दूसरे कार्य के वर्क आॅर्डर मिलने लगे। मीडिया में मामला सामने आने के बाद भी सरकार, यूडीएच और जेडीए ने कोई एक्शन नहीं लिया। बल्कि ये बदस्तूर कार्य करते रहे।

अब लोकायुक्त राजस्थान एस.एस.कोठारी ने इस मामले में स्वपे्ररणा से प्रसंज्ञान लेते हुए प्रमुख शासन सचिव नगरीय विकास विभाग एवं आयुक्त जयपुर विकास प्राधिकरण जयपुर से तथ्यात्मक रिपोर्ट तलब की है। जयपुर शहर में लगभग 1०० करोड़ रुपए की लागत से घटिया सड़कों का निर्माण करवाया गया था। इन घटिया सड़कों के निर्माण में लगी सामग्री को तीन एडिशनल चीफ इंजीनियरों की कमेटी ने फील्ड में जाकर सैंपल लिए थे। जांच में घटिया निर्माण का मामला सही पाए जाने पर जेडीए ने 87 इंजीनियरों को नोटिस दिए थे।

इनमें से 31 को ही चार्जशीट दी गई, लेकिन दो साल बीतने के बाद भी एक भी इंजीनियर के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की गई। यहीं 56 इंजीनियरों के नोटिस भी ड्रॉप कर लिए गए। घटिया सड़क बनाने वाली ठेकेदार फर्मों पर भी कोई कार्रवाई नहीं की गई है। ये फर्में आज भी काम कर रही है। नगरीय विकास विभाग ने एक जेईएन सहित चार इंजीनियरों के विरुद्ध चार्जशीट का प्रस्ताव ही खारिज कर दिया। अब दूसरे इंजीनियर भी इसे आधार बताते हुए नगरीय विकास विभाग में अपील कर रहे हैं।

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