जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि भारत में सूचना क्रांति के जनक पूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी की दूरदर्शिता का ही परिणाम है कि आज भारत सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में पूरी दुनिया का सिरमौर बना हुआ है। शासन, प्रशासन और जीवन के हर क्षेत्र में सूचना तकनीक का स्थान कायम हुआ है। ई-गवर्नेन्स के माध्यम से लोगों का जीवन आसान हुआ है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार संवेदनशील, पारदर्शी और जबावदेह सुशासन के लिए प्रदेश में सूचना तकनीक का अधिकाधिक उपयोग पूरी प्रतिबद्धता के साथ सुनिश्चित कर रही है।
गहलोत शुक्रवार को पूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी के 77वें जन्मदिवस के अवसर पर वर्चुअल माध्यम से आयोजित राजस्थान इनोवेशन विजन (राजीव-2021) कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। ‘सूचना तकनीक से सुशासन’ थीम पर आयोजित इस कार्यक्रम में उन्होंने राज किसान साथी पोर्टल, आई-स्टार्ट वर्चुअल इन्क्यूबेशन प्रोग्राम और राजीव गांधी आईटी क्विजथॉन का भी शुभारंभ किया। साथ ही, राजीव/75 फंड के तहत 21 चयनित स्टार्ट-अप्स को 2 करोड़ रूपए के फंड का वितरण किया गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्व. राजीव गांधी ने बेहद विकट परिस्थितियों के बावजूद देश को तकनीकी क्षेत्र में नई दिशा दी। उन्होंने इनोवेशन को प्राथमिकता देकर संचार क्रांति का आगाज किया। उनकी दूरदर्शी सोच और मंशा को अंगीकार करते हुए राजस्थान ने भी आईटी के क्षेत्र में तेजी से कदम आगे बढ़ाए हैं। पारदर्शी और जबावदेह सुशासन के रूप में प्रदेशवासियों को इसका भरपूर लाभ मिल रहा है। राजस्थान में करीब 85 हजार ई-मित्र केंद्र संचालित हैं। अब एक हजार से अधिक जनसंख्या वाले राजस्व गांवों में भी इनकी स्थापना की जा रही है। राज्य के सात हजार पॉच सौ तेरह राजस्व गांवों में नए ई-मित्र खोले गए हैं और 33 जिलों, तीन सौ अट्ठाइस तहसीलों तथा एक सौ इकत्तर उप-तहसीलों में ई-मित्र प्लस मशीनें स्थापित की गई हैं।
गहलोत ने कहा कि ई-गवर्नेन्स को बढ़ावा देने की दृष्टि से ही हमारी सरकार के पिछले कार्यकाल में भारत निर्माण राजीव गांधी सेवा केंद्रों की स्थापना की गई थी। आज इन केंद्रों पर विभिन्न विभागों की करीब चार सौ पचहत्तर सेवाएं ऑनलाइन प्रदान की जा रही हैं। संपर्क पोर्टल के माध्यम से शिकायतों का शीघ्र निराकरण और पारदर्शी मॉनिटरिंग की जा रही है। ऑनलाइन माध्यम से सरकारी कामकाज, भुगतान, हैल्थ रिकॉर्ड एवं रेवेन्यू रिकॉर्ड के डिजिटलाइजेशन, छात्रवृत्ति वितरण आदि में राजस्थान देश का अग्रणी राज्य है। करीब 80 लाख परिवारों को पेंशन का ऑनलाइन भुगतान किया जा रहा है। जन सूचना पोर्टल के माध्यम से 73 विभागों की चार सौ बत्तीस तरह की सूचनाएं आमजन के लिए उपलब्ध कराई गई हैं। उच्च स्तरीय स्टेट डाटा सेंटर के माध्यम से आईटी आधारित सेवाओं को बढ़ावा दिया जा रहा है।
गहलोत ने कहा कि प्रदेश के युवाओं को अंतर्राष्ट्रीय प्लेटफॉर्म पर लाने के लिए स्टार्ट-अप्स को निरंतर प्रोत्साहित किया जा रहा है। शहरों के साथ-साथ अब ग्रामीण क्षेत्राें तक इनका विस्तार करने का प्रयास किया जाएगा। उन्होंने कहा कि तकनीकी शिक्षा को अधिक रोजगारोन्मुखी बनाने के लिए जोधपुर में करीब चार सौ करोड़ रूपए की लागत से फिनटेक यूनिवर्सिटी की स्थापना की जा रही है। उन्होंने इसका नाम पूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी के नाम पर करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि जयपुर में करीब दौ सौ करोड़ रुपए की लागत से राजीव गांधी सेंटर ऑफ एडवांस टेक्नोलॉजी की स्थापना भी की जा रही है। इसके माध्यम से युवाओं को सूचना तकनीक के नवीनतम पाठ्यक्रमों का अध्ययन करने का अवसर मिलेगा।
मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में स्टार्ट-अप के क्षेत्र में उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल करने वाले युवाओं को ‘राजीव गांधी इनोवेशन अवार्ड’ देने की घोषणा की। इसके तहत प्रथम पुरस्कार के रुप में 2 करोड़ रुपए, द्वितीय पुरस्कार के रूप में 1 करोड़ रुपए तथा तृतीय पुरस्कार के रूप में पचास लाख रुपए की राशि प्रदान की जाएगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 14 नवंबर से ‘राजीव गांधी युवा कोर’ का शुभारंभ भी किया जाएगा। साथ ही, प्रदेश के दौ सौ मेधावी विद्यार्थियों को देश-विदेश के प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थानों में अध्ययन के लिए उन्होंने ‘राजीव गांधी स्कॉलरशिप फॉर एकेडमिक एक्सीलेंस’ की घोषणा की। इस योजना पर प्रतिवर्ष करीब सौ करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे, जिसमें विद्यार्थी के अध्ययन का पूरा खर्च राज्य सरकार वहन करेगी।

LEAVE A REPLY