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जयपुर। राज्य विधानसभा ने बुधवार को हरिदेव जोशी पत्रकारिता और जनसंचार विश्वविद्यालय,जयपुर विधेयक, 2019 ध्वनिमत से पारित कर दिया।
इससे पहले उच्च शिक्षा मंत्री भवंर सिंह भाटी ने विधेयक को सदन में प्रस्तुत किया। विधेयक पर हुई बहस का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि पत्रकारिता एवं जनसंचार में नवाचार तथा अपार संभावनाओं को देखते हुए इस विधेयक को लाया गया है। उन्होंने कहा कि इस विश्वविद्यालय के माध्यम से प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक तथा सोशल मीडिया सहित विभिन्न माध्यमों में युवाओं को रोजगार के अवसर मिल सकेंगे।

भाटी ने बताया कि 2012 में 7 राज्य वित्त पोषित विश्वविद्यालयों की स्थापना की गई थी। इनमें हरिदेव जोशी पत्रकारिता और जनसंचार विश्वविद्यालय, जयपुर भी शामिल था। किसी भी राज्य द्वारा इतनी संख्या में वित्त पोषित विश्वविद्यालय खोलने का यह देश में पहला उदाहरण था। तत्कालीन सरकार द्वारा इसे क्रियाशील बनाने के लिए कुलपति की नियुक्ति तथा कुलसचिव के लिए राजस्थान प्रशासनिक सेवा के अधिकारी का पदस्थापन भी किया गया था।

विश्वविद्यालय की तत्कालीन आवश्यकताओं को देखते हुए स्टॉफ में संविदा व प्रतिनियुक्ति पर भी नियुक्ति कर दी गई थी। उन्होंने बताया कि तत्कालीन सरकार द्वारा इस विश्वविद्यालय के लिए 9 शिक्षकों की भर्ती कर दी गई थी तथा दहमीकलां में 30 एकड़ जमीन के आवंटन के लिए जयपुर विकास प्राधिकरण के प्रस्ताव पर नगरीय विकास विभाग द्वारा स्वीकृति भी जारी कर दी गई थी । लेकिन राजनैतिक दुर्भावनावश पूर्ववर्ती सरकार द्वारा विश्वविद्यालय को बजट आवंटन बंद कर दिया तथा 2017 में इस विश्वविद्यालय को बंद भी कर दिया गया। उन्होंने कहा कि संभवतः यह पहला अवसर था जब किसी सरकार द्वारा राज्य वित्त पोषित विश्वविद्यालय को बंद कर दिया गया। उन्होंने कहा कि यह विधेयक जनसंपर्क तथा पत्रकारिता को बढ़ावा देने में उपयोगी साबित होगा। इससे पहले सदन ने विधेयक को जनमत जानने के लिए परिचालित करने के संशोधन प्रस्ताव को ध्वनिमत से अस्वीकार कर दिया।

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