जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने गोवंश के मामले में बुधवार को ऐतिहासिक फैसला सुनाया। हाईकोर्ट ने अपने फैसले में केन्द्र से कहा कि गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित किया जाए। अभी गो हत्या पर सजा का प्रावधान 3 साल का है। हाईकोर्ट का यह फैसला राजस्थान के जयपुर शहर स्थित हिंगोनिया गोशाला के संदर्भ में सामने आया है। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि गोवध करने वाले को उम्रकैद की सजा देनी चाहिए। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो को आदेश दिया कि हर तीन माह में गोशाला पर रिपोर्ट तैयार करनी होगी। वहीं म्यूनिसिपल कमिश्नर व यूडीएच सचिव को आदेश दिए कि वे हर माह गोशाला जाकर जांच करने तथा वन विभाग को गोशाला में प्रति वर्ष 5 हजार पौधे रोपने को कहा। राजस्थान हाईकोर्ट का यह फैसला ऐसे समय पर सामने आया है, जब केन्द्र सरकार के पर्यावरण मंत्रालय ने पशुओं की खरीद व बिक्री पर रोक लगाने संबंधित नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। हालांकि केन्द्र के इस नोटिफिकेशन का केरल सहित अन्य राज्यों में विरोध भी सामने आया। वहीं मद्रास हाईकोर्ट की मदुरै बैंच ने केन्द्र के नोटिफिकेशन पर 4 हफ्ते के लिए रोक लगा दी। बता दें गत वर्ष ही 2016 में हिंगोनिया गोशाला में सैंकड़ों गायों की अकाल मौत हो गई थी। अभी गोशाला में 8 हजार से अधिक गायें हैं। जिनकी देखरेख के लिए 14 पशु चिकित्सक नियुक्त हैं। वहीं 24 असिस्टेंट और करीब 200 अन्य स्टॉफ उनकी तिमारदारी के लिए नियुक्त हैं। हिंगोनिया गोशाला में गायों की मौत के मामले में राज्य सरकार ने रिपोर्ट तलब करते हुए गोशाला की हालात सुधारने के निर्देश दिए थे। जांच के दौरान सामने आया था कि गायों की मौत रख-रखाव में लापरवाही बरतने के कारण हुई। हालांकि इस दरम्यान जिम्मेदार अधिकारी मामले से बचते ही नजर आए व गायों की मौत बीमारी व कुपोषण की चपेट में आने से होना बताया। यूं तो हिंगोनिया गोशाला का बजट करोड़ों में है। फिर भी यहां गायों की स्थिति बेहतर नहीं है। वर्ष 2011-12 में यह बजट 3.59 करोड़ रुपए का था। जिसे वर्ष 2015-16 में बढ़ाकर 10.78 करोड़ रुपए कर दिया गया।

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