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जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने अदालती आदेश के बावजूद भी टै्रक्टर-ट्रॉली का माल वाहन के तौर पर परिवहन नहीं रोकने पर आरटीओ कोटा को अवमानना का दोषी माना है। अदालत ने आदेश दिए हैं कि 12 नवंबर 2013 के बाद इस पद पर लगे सभी अफसर 22 जनवरी को पेश हो। अदालत ने कहा है कि अधिकारियों को इस दिन अवमानना के लिए सजा सुनाई जा सकती है। न्यायाधीश एसपी शर्मा की एकलपीठ ने यह आदेश ऑल इंडिया मोटर व्यवसायी एसोसिएशन की ओर से दायर अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए। याचिका में कहा गया कि ट्रैक्टर-ट्रॉली माल वाहन की श्रेणी में नहीं आते हैं।

जब तक इन्हें माल वाहन के रूप में पंजीकृत नहीं किया जाता, तब तक इनके माध्यम से माल का परिवहन नहीं कराया जा सकता। उच्चतम न्यायालय के आदेशानुसार संबंधित आरटीओ यह देखेगा कि ट्रेक्टर-ट्रॉली माल वाहन के रूप में पंजीकृत नहीं हो तो उस पर कार्रवाई की जाए। याचिका में कहा गया कि हाईकोर्ट भी 12 नवंबर 2013 को इस संबंध में आदेश दे चुका है। इसके बावजूद बूंदी में ट्रेक्टर-ट्रॉली माल परिवहन में लगे हुए हैं। इसकी शिकायत करने के बावजूद भी आरटीओ इन पर कार्रवाई नहीं कर रहे हैं।

याचिका पर पेश जवाब को देखने के बाद अदालत ने कहा कि जवाब से प्रथमदृष्टया लगता है कि कोटा आरटीओ अवमानना के दोषी हैं। ऐसे में अदालती आदेश के बाद 12 नवंबर 2013 से अब तक इस पद पर लगे अधिकारी 22 जनवरी को पेश होकर सजा के बिन्दु पर अपना स्पष्टीकरण दें।

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