जयपुर। राजस्थान विधानसभा में बजट सत्र गुरुवार को हंगामे के साथ शुरू हुआ। सुबह राज्यपाल कल्याण सिंह ने अभिभाषण पढना शुरू किया तो कुछ विपक्षी सदस्यों ने राजस्थान सरकार की विफ लताओं को लेकर हंगामा शुरू कर दिया। राज्यपाल के अभिभाषण में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तारीफ की गई। राज्यपाल के अभिभाषण में शुरूआत में ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की नीतियों की तारीफ करते हुए कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में देश नई अर्थव्यवस्था की ओर करवट ले रहा है। भारत विश्व पटल पर आर्थिक महाशक्ति के तौर पर उभर रहा है। प्रधानमंत्री ने विभिन्न देशों से रिश्ते सुधारे हैं। इससे भारतीय गौरव को बढ़ाने का काम किया है। अभिभाषण में सर्जिकल स्ट्राइक का भी जिक्र किया गया है। स्ट्राइक से आतंकवाद को मुंहतोड़ जवाब दिया गया। केन्द्रीय बजट की भी तारीफ की गई है। अभिभाषण के दौरान कोटा विधायक चंद्रकांता मेघवाल के साथ पुलिस के दुव्र्यवहार और किसानों की मौत का मामला भी उठाया गया और कुछ विधायक वैल में आ कर धरने पर बैठ गए। हंगामे के बावजूद राज्यपाल ने कुछ देर तक अभिभाषण पढा, बाद में सरकार की ओर से ही एक प्रस्ताव के बाद उन्होंने इसे बीच मेंं ही रोक दिया और इसे पढा हुआ मान लिया गया। राजपा के किरोडीलाल मीणा और निर्दलीय विधायकों की तरफ से सर्वाधिक विरोध हुआ। अभिभाषण की शुरूआत से ही कांग्रेस व अन्य निर्दलीय सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया था। कांग्रेस के सचेतक गोविंद सिंह डोटासरा का कहना था कि राज्यपाल सरकार की उपलब्धियों के साथ ही सरकार पर लगे आरोप और इसकी विफलताएं भी गिनाए। इसके बाद कोटा में रामगंजमंडी की विधायक चंद्रकांता मेघवाल के साथ पुलिस के दुव्र्यवहार का मामला उठाया गया। इसी बीच किरोडीलाल मीणा और उनकी पार्टी के विधायक तथा निर्दलीय हनुमान बेनीवाल संसद के सामने खुदकुशी का प्रयास करने वाले किसान सहित किसानों की आत्महत्या का मामला उठाते हुए वैल में आ गए और नारेबाजी करने लगे। हंगामे के बीच राज्यपाल अभिभाषण पढते रहे, लेकिन बाद में संसदीय कार्यमंत्री राजेन्द्र राठौड ने कहा कि प्रतिपक्ष का आचरण निंदनीय है और राज्यपाल चाहे तो पढा हुआ मान लिया जाए। राज्यपाल ने इसे मान लिया और बीच में ही इसे रोक दिया तथा इसे पढा हुआ मान लिया गया।

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