कोर्ट ने 11 अक्टूबर को किया तलब
जयपुर । बिना सूचना दिए 4 साल से कार्य कर रहे कर्मचारी को नियम विरुद्ध हटाने एवं लेबर कोर्ट के दिए गए आदेश की पालना नहीं करने के मामले में जयपुर की मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट कोर्ट ने विपक्षी कम्पनी मैसर्स बीएसईएस लिमिटेड, नागौर महल, नरीमन रोड, मुम्बई के प्रबंध संचालक अनिल अम्बानी के खिलाफ औद्योगिक विवाद एक्ट-1947 की धारा 29 सहपठित धारा 34 के तहत प्रसंज्ञान लिया है। सीएमएम अजय गोदारा की कोर्ट ने अग्रिम सुनवाई के लिए पत्रावली को एसीएमएम-6 को ट्रांसफर करते हुए अभियुक्त अनिल अम्बानी को 11 अक्टूबर, 2०12 को पेश होने के आदेश दिए हैं।
यह है मामला : बिहार निवासी शम्भू सिंह ने कोर्ट में इस्तगासा पेश कर बताया कि 1993 में उसे विपक्षी कम्पनी के जयपुर स्थित ऑफिस में ऑफिस असिस्टेन्ट के पद पर नियुक्त किया गया था। 12 जून, 1997 को उसे बिना सूचना दिए हटा दिया गया। लेबर कोर्ट में मुकदमा दायर किया। न्यायाधीश अशोक कुमार जैन ने 9 सितम्बर, 2०15 को दिए अपने आदेश में कर्मचारी को हटाने को अनुचित एवं अवैध माना। लेबर कोर्ट के दिए गए अवार्ड आदेश के पालना में कम्पनी का जवाब था कि नोटिस इस नाम की कम्पनी का नहीं है। कोर्ट ने श्रम विभाग के अतिरिक्त श्रम आयुक्त को आदेश की पालना करने के आदेश दिए। श्रम विभाग ने भी कम्पनी को दोषी मानते हुए राज्यपाल की आज्ञा से संयुक्त शासन सचिव, श्रम विभाग सीबीएस राठौड़ ने 9 जून, 2०17 को प्रबन्धक संचालक अनिल अम्बानी के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए अभियोजन स्वीकृति प्रदान कर दी। इस संबंध में पेश किए गए परिवाद पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने प्रकरण में प्रसंज्ञान लेते हुए अभियुक्त को हाजिर होने के आदेश दिए।