-राष्ट्रपति मुर्मू ने मेहंदीपुर बालाजी मंदिर में सवा घंटे की विशेष पूजा-अर्चना
जयपुर। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहा कि समाज के अन्य वर्गों के लोग आदिवासी समाज से बहुत कुछ सीख सकते हैं। जनजातीय समुदायों ने स्वशासन के अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत किये हैं। उन्होंने कहा कि प्रकृति के साथ सामंजस्य बनाकर प्रसन्नतापूर्वक कैसे जीवन जिया जाता है यह आदिवासी समाज से सीखा जा सकता है। आदिवासी समाज से हम प्रकृति को नुकसान पहुंचाए बिना न्यूनतम संसाधनों में बेहतर जीवन जीना भी सीख सकते हैं। महिला सशक्तीकरण के क्षेत्र में भी आदिवासी समाज ने देश को दिशा दिखाई है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु बुधवार को असम के राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया एवं मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की गरिमामयी उपस्थिति में डूंगरपुर के बेणेश्वर धाम में आयोजित ’’लखपति दीदी सम्मेलन’’ को संबोधित कर रही थी। राष्ट्रपति ने कहा कि महिलाओं को नेतृत्व प्रदान करते हुए विकास की अवधारणा को सफलतापूर्वक क्रियान्वित करने के लिए पूरे समाज को मिलकर प्रयास करने होंगे। उन्होंने महिलाओं में शिक्षा एवं कौशल विकास को बढ़ावा दिए जाने पर बल दिया जिससे महिलाएं देश और दुनिया की प्रगति में बराबर की भागीदार बन सकें। उन्होंने विश्वास जताया कि भारत को विकसित राष्ट्र बनाने में महिलाएं अग्रणी भूमिका निभाएंगी। उन्होंने कहा कि महिलाओं की सफलता के बल पर ही भारत के उज्ज्वल भविष्य का निर्माण होगा। राष्ट्रपति ने कहा कि हम भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए संकल्पबद्ध हैं। हमारा देश तभी आत्मनिर्भर हो सकता है, जब हमारी हर इकाई आत्मनिर्भर होगी। उन्होंने आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए स्वयं सहायता समूहों और उससे जुड़े सभी लोगों की सराहना की। उन्होंने इस पर प्रसन्नता व्यक्त की कि स्वयं सहायता समूह अपनी सदस्यों को कार्यशील पूंजी प्रदान करने के साथ-साथ मानव पूंजी और सामाजिक पूंजी के निर्माण में भी सराहनीय भूमिका का निर्वहन कर रहे हैं। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश भर में 3 करोड़ महिलाओं को लखपति दीदी बनाने का संकल्प लिया है। उनके संकल्प को साकार करने की दिशा में राज्य सरकार ने प्रदेश की 11 लाख 27 हजार महिलाओं को अगले तीन वर्षों में चरणबद्ध रूप से लखपति दीदी बनाने का लक्ष्य तय किया है। उन्होंने कहा कि इनमें 2.80 लाख महिलाएं लखपति दीदी की श्रेणी में आ भी चुकी हैं। शर्मा ने कहा कि राजस्थान की नारी साहस और बलिदान का प्रतीक रही हैं। पन्नाधाय ने अपने बेटे का बलिदान देकर मिसाल कायम की थी। कालीबाई भील ने भी अपने गुरु के लिए प्राणों का बलिदान दिया था। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार की पहल पर लोकसभा तथा विधानसभाओं में महिलाओं को आरक्षण का प्रावधान करने के लिए संसद ने नारी शक्ति वंदन अधिनियम पारित किया है। इससे लोकतंत्र में महिलाओं की पर्याप्त भागीदारी सुनिश्चित होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार महिला सशक्तीकरण की दिशा में ठोस कदम उठा रही है। लखपति दीदी योजना के माध्यम से महिलाओं में कौशल विकास कर उनकी सालाना आमदनी एक लाख रुपए करने का लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि महिलाओं को हर क्षेत्र में आगे बढ़ाने के लिए राज्य सरकार कोई कमी नहीं छोड़ेगी। राजस्थान ग्रामीण आजीविका विकास परिषद (राजीविका) के तत्वावधान में हुए इस सम्मेलन में राजीविका से संबद्ध महिला स्वयं सहायता समूहों को  बैंकों से 250 करोड़ रुपए की ऋण राशि तथा महिला निधि के तहत 50 करोड़ की राशि के चैक वितरित किए गए। राज्य में राजीविका मिशन द्वारा तीन लाख 81 हजार स्वयं सहायता समूह के माध्यम से 46 लाख महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाया गया है। इस दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु तथा मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने स्वयं सहायता समूहों से संबंधित प्रदर्शनी का अवलोकन कर उनसे जुड़ी महिला उद्यमियों से संवाद किया। उन्होंने सम्मेलन में सौर ऊर्जा, लकड़ी उत्पाद, मिनियेचर पेंटिंग, जूट के उत्पाद, हस्तनिर्मित कागज़ के उत्पाद, कशीदाकारी तथा गलीचा  उत्पाद, चमड़ा उत्पाद, हर्बल जैविक गुलाल, प्रधानमंत्री वन धन विकास योजना, गुलाब के उत्पाद, टेराकोटा आर्ट, ब्लॉक प्रिंट, लाख की चूड़ियां, तीर कमान तथा महिला किसान समूह से संबंधित स्टॉल्स का अवलोकन किया और महिला उद्यमियों को प्रोत्साहित किया। इस अवसर पर राष्ट्रपति ने एक महिला स्वयं सहायता समूह की सदस्य गीता देवी से हस्त निर्मित तीर कमान भी खरीदे। कार्यक्रम में महिला सशक्तीकरण के लिए उल्लेखनीय कार्य करने वाली 11 राजीविका सखियों को पुरस्कृत किया गया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने बेणेश्वर धाम स्थित हरि मंदिर में दर्शन और पूजा अर्चना भी की। वनवासी कल्याण आश्रम के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामचन्द्र खराड़ी एवं महन्त अच्युतानंद महाराज ने मंदिर में पूजा करवाई। इसके बाद उन्होंने संत मावजी महाराज के संग्रहालय का भी अवलोकन किया। राष्ट्रपति मुर्मु ने धाम के इतिहास, महत्व और संत मावजी महाराज के लिखे चोपड़े के बारे में जानकारी ली। मुर्मु ने वाल्मीकि मंदिर में भी दर्शन कर पूजा अर्चना की। राष्ट्रपति के सम्मेलन स्थल पर पहुंचने पर उनका भव्य स्वागत किया गया। राष्ट्रपति के समक्ष जनजाति अंचल की कला-संस्कृति की झलक प्रस्तुत की गई। आदिवासी  लोक कलाकारों ने वागड़ अंचल के प्रसिद्ध दांगड़ी नृत्य की मनमोहक प्रस्तुति देकर अतिथियों को मोह लिया। समारोह में ग्रामीण विकास मंत्री किरोड़ी लाल मीणा, जनजातीय क्षेत्रीय विकास मंत्री बाबूलाल खराड़ी, राजस्व मंत्री हेमंत मीणा, सांसद कनक मल कटारा, विधायक फूल सिंह मीणा, अतिरिक्त मुख्य सचिव ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज अभय कुमार, शासन सचिव ग्रामीण विकास आशुतोष ए. टी. पेडणेकर, शासन सचिव जनजातीय क्षेत्रीय विकास जोगाराम सहित अन्य जनप्रतिनिधि, वरिष्ठ अधिकारी तथा बड़ी संख्या में स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाएं उपस्थित थीं।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बुधवार को उत्तर भारत के बड़े धर्मस्थलों में प्रसिद्ध मेहंदीपुर बालाजी के दर्शन किए। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा भी उनके साथ रहे। बालाजी महंत डॉक्टर नरेशपुरी महाराज ने मंदिर में राष्ट्रपति की अगवानी की और उन्हें विशेष पूजा-अर्चना करवाई। मुर्मू देश की पहली राष्ट्रपति हैं, जो बालाजी के दर्शन करने यहां पहुंचीं। उनकी यात्रा को लेकर बालाजी मंदिर में विशेष बंदोबस्त किए गए। प्रस्तावित यात्रा कार्यक्रम के अनुसार राष्ट्रपति सुबह साढ़े नौ बजे सांगानेर एयरपोर्ट से रवाना होकर मीन भगवान मंदिर के पीछे बने हैलीपैड पर हेलीकॉप्टर से लैंड हुई। राष्ट्रपति के हेलीकॉप्टर सहित चार हेलीकॉप्टर कड़ी सुरक्षा के बीच हैलीपेड पर उतरे। एक हेलीकॉप्टर से मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा यहां पहुंचे। राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू बुधवार सुबह वायु सेना के हेलीकॉप्टर से मेहंदीपुर बालाजी पहुंचीं। उन्होंने बालाजी मंदिर में दर्शन कर विशेष पूजा-अर्चना करते हुए देश के खुशहाल होने की कामना की। बालाजी मंदिर में ट्रस्ट के महंत डॉ. नरेशपुरी महाराज ने उन्हें बालाजी की तस्वीर भेंट की। राष्ट्रपति के दौरे को लेकर बालाजी मंदिर की आकर्षक सजावट की गई। मंदिर के गर्भगृह को रंग-बिरंगे फूलों से सजाया गया। मंदिर परिसर में शिव परिवार, समुद्र मंथन व हनुमानजी के चित्रण समेत कई झांकियां सजाई गईं। मंदिर के बाहर रेड कॉरपेट बिछाई गई। मंदिर परिसर में राष्ट्रपति के स्वागत में लाल फूलों से बना वेलकम लिखा हुआ डेकोरेशन भी कराया गया। राष्ट्रपति के दौरे को लेकर प्रशासन पूरी तरीके से अलर्ट मोड पर रहा और चप्पे-चप्पे पर पुलिस के जवान मुस्तैद रहे। राष्ट्रपति के दौरे को लेकर बालाजी क्षेत्र में पुलिस व सुरक्षा एजेंसियों के 1200 से ज्यादा जवान तैनात किए गए। बालाजी कस्बे से जुड़े सभी रास्तों को सील कर पुलिस तैनात की गई। मुख्य बाजार व गलियों के मुहाने जवानों की तैनातगी के साथ होटल, गेस्ट हाउस व धर्मशालाओं की छतों से भी सख्त निगरानी रखी गई। साथ ही चिकित्सकों की टीम भी तैनात की गई। मेहंदीपुर बालाजी मंदिर में पूजा-अर्चना व स्वागत कार्यक्रम के बाद राष्ट्रपति सवा ग्यारह बजे वापस जयपुर के लिए रवाना हो गईं। इसके बाद राष्ट्रपति बांसवाड़ा के बेणेश्वर धाम में होने वाले लखपति दीदी कार्यक्रम में शामिल होने के लिए उदयपुर के लिए रवाना हो गईं।
-राज्यपाल मिश्र ने राष्ट्रपति मुर्मू को राजभवन से भावभीनी विदाई दी
राज्यपाल कलराज मिश्र ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को बुधवार को राजभवन से लौटने पर भावभीनी विदाई दी। राज्यपाल मिश्र ने उन्हें मिनिएचर आर्ट की मयूर प्रतिमा भी स्मृति चिह्न स्वरूप भेंट की। राष्ट्रपति ने भी राज्यपाल का शॉल ओढ़ाकर अभिनंदन किया। उल्लेखनीय है कि राष्ट्रपति मुर्मू मंगलवार शाम जयपुर पहुंची और उन्होंने रात्रि विश्राम राजभवन विश्राम गृह में किया। राष्ट्रपति बुधवार सुबह मेहंदीपुर बालाजी के दर्शन करेंगी। यहां से राष्ट्रपति मुर्मू वागड़ अंचल के प्रसिद्ध तीर्थ बेणेश्वर धाम पहुंचेंगी। वे धाम पर स्थित मंदिरों में दर्शन करेंगी। इसके बाद धाम पर आयोजित लखपति दीदी सम्मेलन में शामिल होंगी। सम्मेलन में महिलाओं को 250 करोड़ रुपये का लोन और महिला निधि के तहत 50 करोड़ रुपये के चेक वितरित किए जाएंगे। सम्मेलन में डूंगरपुर, बांसवाड़ा, प्रतापगढ़, सलुम्बर और उदयपुर जिले की 10 हजार महिलाएं भाग लेंगी। राष्ट्रपति मुर्मू करीब साढ़े तीन घंटे तक धाम पर रहेंगी।

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