जयपुर। राजस्थान के गैंगस्टर आनन्दपाल सिंह की पुलिस मुठभेड़ में मौत हुए चार दिन हो गए हैं, लेकिन आनन्दपाल सिंह की मां, पत्नी और बेटी समेत अन्य परिजन शव लेने से इंकार कर रहे हैं। इससे ना केवल तनावपूर्ण माहौल है, बल्कि पुलिस और सरकार भी सहमे हुए हैं।

परिजनों का कहना है कि जब तक सरकार आनन्दपाल सिंह मामले में सीबीआई जांच समेत अन्य मांगों को नहीं मानती है, तब तक शव नहीं लेंगे। सरकार और पुलिस का मानना है कि जब तक आनन्दपाल सिंह का दाह संस्कार नहीं हो जाता है, तब तक लाडनूं-सावरदा में बैठे राजपूत समाज के हजारों लोग हटेंगे नहीं और तनाव बरकरार रहेगा। इसी स्थिति से निपटने के लिए पुलिस ने अब आनन्दपाल सिंह की पत्नी को राज कंवर को नोटिस दिया है, जिसमें कहा है कि वह चौबीस घंटे में अपने पति का शव ले लें, अन्यथा इसके बाद पुलिस आनन्दपाल सिंह का अंतिम संस्कार करेंगी। इस नोटिस के बाद से परिजनों और वहां मौजूद लोगों में गुस्सा देखने को मिला है।

उनका कहना है कि पुलिस-सरकार कुछ भी कर ले, जब तक हमारी मांगे नहीं मानी जाएगी, तब तक शव नहीं लेंगे। गौरतलब है कि 24 जून की रात को सीकर के मालासार में एसओजी और चुरु पुलिस के संयुक्त अभियान में गैंगस्टर आनन्दपाल सिंह की पुलिस मुठभेड़ में मौत हो गई थी। दूसरे दिन रतनगढ़ में मेडिकल बोर्ड से पंचनामा और पोस्टमार्टम करवा दिया था, लेकिन परिजनों ने बाद में शव लेने से इंकार कर दिया। तब से आनन्दपाल सिंह का शव रतनगढ़ मोर्चरी में रखा हुआ है। उधर, बढ़ते तनाव को देखते हुए पुलिस ने रतनगढ़ में धारा 144 लागू कर दी है।

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