Trial of Dr. Abdul Hameed's Death Reference upto High Court hearing till 26

जयपुर। औद्योगिक क्ष्ोत्र में निवेश के लिए 118 उद्यमियों को 2०12 में 15०० करोड़ रुपए की 34 लाख वर्ग मीटर बेशकीमती भूमि आवंटन कर राजकोष को 15०० करोड़ रुपए का नुकसान पहुंचाने के मामले में जयपुर पुलिस ने अनुसंधान कर कोई अपराध घटित होना नहीं पाया है। एमएम-11 कोर्ट के आदेश से पुलिस ने अनुसंधान कर 14 दिसम्बर को अदालत में जांच रिपोर्ट पेश कर पत्रावली दाखिल दफ्तर करने की प्रार्थना की है।

एसीपी अशोक नगर, एसीपी सोडाला, इंस्पेक्टर हेमेन्द्र शर्मा एवं मदन बेनीवाल ने जांच कर रिपोर्ट में कहा कि आवंटन में नियमों का उल्लंघन नहीं किया गया है। आरोप काल्पनिक एवं अप्रमाणित हैं। आवंटन का निर्णय औद्योगिकरण को बढ़ावा देना था, जो कि रीको का मुख्य उद्देश्य भी है। आवंटन रिजर्व प्राइज पर आरक्षित मूल्य पर ही किया है। कोई छूट नहीं दी गई। लगाए गए आरोप भ्रामक हैं एवं मिथ्या भी हैं। अदालत में परिवाद दायर करने से पूर्व दी गई शिकायत पर भी जांच कर 29 सितम्बर, 2०15 को रिपोर्ट कोर्ट में पेश की थी। प्रारम्भिक जांच में भी अपराध होना नहीं पाया था। जांच रिपोर्ट पर अदालत में अब 28 जनवरी, 2०19 को सुनवाई होगी।

इस संबंध में अम्बाबाड़ी निवासी संजय गर्ग ने 2०15 में रीको के तत्कालीन चेयरमैन सुनील अरोड़ा, कमिश्नर पुरुषोत्तम अग्रवाल, एमडी राजेन्द्र भाणावत, कमिश्नर इण्डस्ट्रीज राजहंस उपाध्याय, सलाहकार इन्फ्रा चेतन देवड़ा, उर्मिला राजोरिया सहित अन्य के खिलाफ परिवाद दायर किया था। परिवाद में रीको भू-निपटान नियम 1979 में नियम तीन (डब्ल्यू) जोड़ कर अपराध करने का भी आरोप लगाया था।

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