श्रीनगर। जम्मू कश्मीर में मंगलवार की शाम एक के बाद एक 6 आतंकी हमले हुए। इस दौरान दशहतगर्दों ने अपने नापाक मसूबों को अंजाम देते हुए सुरक्षाबलों का निशाना बनाया। यहां शाम से देर रात तक आतंकी अपनी कारगुजारी को अंजाम देने में जुटे रहे। आतंकियों ने हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त जज मुजफ्फर हुसैन के सुरक्षा गार्ड को गोली मारी तो उसकी एके-47 छिन ले गए। इन हमलों में 12 जवान घायल हुए। यही वजह रही कि एक के बाद एक हुए आतंकी हमलों से खुद सुरक्षा एजेंसिया पसोपेश में आ गई।

आतंकियों ने अलग-अलग जगहों पर सीआरपीएफ, पुलिस व सेना के ठिकानों को निशाना बनाया। इंटेलिजेंस इनपुट के अनुसार इन आतंकी हमलों के पीछे जैश-ए-मोहम्मद का हाथ होने की बात सामने आई है। वहीं अब 29 जून से शुरू हो रही 40 दिवसीसय अमरनाथ यात्रा के साथ रमजान माह के दौरान आतंकी हमलों को लेकर सुरक्षा एजेंसिया चौकस हो गई हैं।

सीआरपीएफ डीजी राजीव राय भटनागर ने बताया कि जिस तरह आतंकियों ने सीआरपीएफ कैंपों पर हमला किया उसके बाद तो सभी कैंपों को हाई अलर्ट पर रखा गया है। आशंका भी है कि आतंकी 17वें रोजे के दिन कोई बड़ा हमला कर सकते हैं। जिससे अब सुरक्षा को कड़ा कर दिया गया है। वहीं अमरनाथ यात्रा को लेकर डीजीपी एसपी वैद ने कहा कि यात्रा शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न होगी, चिंता की कोई जरुरत नहीं है, यात्रियों की सुरक्षा को लेकर सभी जरुरी इंतजाम कर लिए गए हैं। घाटी में हिजबुल का व्यापक प्रभाव है। फिर भी स्थिति पूरी तरह कंट्रोल में है। जो संवेदनशील इलाके हैं वहां पर सुरक्षा व्यवस्था बेहद कड़ी कर दी गई। स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में है और संवेदनशील इलाकों में सुरक्षा के इंतजाम और पुख्ता कर दिए गए हैं।

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