नई दिल्ली। राम मंदिर निर्माण के लिए अब मुस्लिम समाज का एक वर्ग भी मन बना रहा है कि हम हिंदू-मुस्लिम आपस में वह वैमनस्यता मिटाकर सौहार्द पूर्ण जिएं। अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व अध्यक्ष व राष्ट्रीय इसाई संघ के संयोजक डॉक्टर आशीष मैसी ने कहा कि अब जब मुस्लिम समाज का भी झुकाव मंदिर की तरफ हो रहा है। वह नहीं चाहते कि आपस में कोई मनमुटाव रहे और मिलकर जिए। इससे यह लग रहा है कि इस समस्या का समाधान भी शीघ्र ही हो जाएगा।
उन्होंने कहा कि भारत ऐतिहासिक और पौराणिक महत्व को दर्शाता है ऐसे में यह धरती बाहरी व्यक्ति के नाम नहीं हो सकती है। डॉक्टर मैसी ने कहा कि जिस तरह सुप्रीम कोर्ट ने तीन तलाक को अवैध घोषित कर दिया है। ऐसे में हमारे काजी और मुस्लिम पुरुषों को आगे आना होगा, तभी यह आदेश पूरी तरह से प्रभावित हो जाएगा, क्योंकि मुस्लिम महिलाएं इन तीन तलाक के विरुद्ध हैं। आज भी तलाक दिए जा रहे हैं इसलिए इस मसले पर सामाजिक स्वीकार्यता बहुत जरूरी है और इसके लिए हम सब को पहल करनी चाहिए। उन्होंने रोहिंग्या मुसलमानों का खान-पान और उनके भौगोलिक स्थिति के बारे में कहा कि हम से बिल्कुल अलग है ऐसे में यह आईएसआईएस के हथियार बने हुए हैं फिर भी मानवाधिकार के तहत इनकी मदद होनी चाहिए ताकि देश में शांति बनी रहे। पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि गौ हत्या नहीं होनी चाहिए, क्योंकि उत्तर भारत में देवी देवताओं की धरती है ऐसे में पूज्य गौमाता की हत्या करना सामाजिक दृष्टिकोण से उचित नहीं होगा।