Ashok Gehlot
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जयपुर। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा,  नोटबंदी से कितने लोगों को लाभ मिला यह कहना मुश्किल मगर ब्लैकमनी व्हाईट नहीं हुई और ब्लैकमनी ब्लैक ही रही है। प्रधानमंत्री ने 1000 और 500 रूपए के नोट बंद कर 2000 रूपए का नोट निकाला, इसका क्या तुक था, क्या मंशा थी? इसका जवाब प्रधानमंत्री देशवासियों को दे। गहलोत ने प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में एक कार्यक्रम में शिरकत करने के बाद मीड़ियाकर्मियों से बातचीत करते हुए कहा कि उपरोक्त सवाल का जवाब आ जाने पर उन तमाम सवालों का जवाब आ जाएगा कि इसके पीछे असल मंशा क्या थी? यह 2000 का नोट चल भी नहीं पाया क्योंकि छुट्टे के चक्कर में उसकों खर्च करने की समस्या बन गयी, इससे कई तरह की परेशानियां पैदा हो रही हैं। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि मेरे विचार में हर व्यक्ति जो सच्चा देशभक्त है, चाहे वो राजनीतिज्ञ हो, सोशल वर्कर हो या किसी भी वर्ग का हो, सब चाहेंगे कि भ्रष्टाचार खत्म हो, ब्लैकमनी समाप्त हो, आतंकवाद समाप्त हो, नक्सलवाद समाप्त हो लेकिन पीएम मोदी ने नोटबंदी करके जो नया सिद्धांत प्रतिपादित किया है, उससे बड़े-बड़े साहुकार, उद्योगपति और व्यापारी लाईन में लगते तो वास्तव में लगता कि मोदी ने ऐसा कुछ कर दिया, जिसमें पारदर्शिता रहेगी।
मुख्यमंत्री के नववर्ष पर जयपुर से बाहर रहने के सवाल पर गहलोत ने कहा कि हमारी मुख्यमंत्री नववर्ष, दीपावली, होली पर अधिकांशतय बाहर ही रहती है। एक प्रकार से यह उनकी परम्परा ही बन गयी है। अपनी-अपनी सोच है। एक अन्य सवाल पर उन्होंने कहा कि मैं पहले भी कह चुका हूं कि जब से सरकार बनी है तभी से मुख्यमंत्री में शासन करने की इच्छा शक्ति नहीं दिखती है। इस कारण से प्रदेश बरबादी की ओर बढ़ रहा है। जब मुख्यमंत्री का ऐसा व्यवहार है, तो सरकार भी वैसे ही चलती है। तीन साल में यह सरकार नाकारा और निक्कमी साबित हुई है इसका जवाब मुख्यमंत्री को देना चाहिए।
गहलोत ने कांग्रेस द्वारा विरोध प्रदर्शन को लेकर कहा कि कांग्रेस जिला स्तर से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक विरोध प्रदर्शन का कार्यक्रम बना रही है। हम जनता को बताएंगे कि पीएम मोदी के फैसलों से जनता को जो लाभ होना चाहिए था, वो नहीं हुआ बल्कि परेशानियों का सामना करना पड़ा। मजदूर, किसान और आम आदमी की परेशानी कब दूर होगी, आज यह कहने की स्थिति में कोई नहीं है, यहां तक की प्रधानमंत्री भी।

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