नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने आज सोमवार को ऐतिहासिक फैसले में बीसीसीआई अध्यक्ष अनुराग ठाकुर को बीसीसीआई के अध्यक्ष पद से हटाने का आदेश सुनाया। अनुराग ठाकुर के साथ बीसीसीआई सचिव अजय शिर्के की भी उनके पद से छुट्टी हो गई है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर गठित जस्टिस लोढ़ा समिति की लागू नहीं करने के चलते बीसीसीआई अध्यक्ष व सचिव पर यह कार्रवाई हुई है। मामले की सुनवाई के दौरान पूर्व में भी सुप्रीम कोर्ट ने बीसीसीआई के उच्च अधिकारियों के खिलाफ कडा रूख अख्तियार कर लिया था। कोर्ट ने पहले ही ये संकेत दे दिए थे कि अगली सुनवाई के दौरान अनुराग ठाकुर पर कार्रवाई हो सकती है। कोर्ट ने ठाकुर को अवमानना नोटिस जारी किया हुआ था। कोर्ट ने कहा कि प्रशासकों की समिति बीसीसीआई के कामकाज को देखेगी। अध्यक्ष का काम बीसीसीआई का सबसे वरिष्ठ उपाध्यक्ष और सचिव का काम संयुक्त सचिव संभालेगा। बीसीसीआई के सभी पदाधिकारियों और राज्य संघों को लोढ़ा समिति की सिफ ारिशों का पालन करने के लिये शपथपत्र देना होगा। अनुराग और अजय शिर्के के साथ उन लोगों पर भी गाज गिरी, जिन्होंने लोढ़ा समिति की सिफ ारिशों को मानने से इन्कार किया था। इन सभी को बीसीसीआई और राज्य संघों के सभी पदाधिकारियों को भी अपना पद छोडऩा होगा। कोर्ट ने यह भी कहा कि सत्तर साल से अधिक उम्र वाले, मानसिक तौर पर असंतुलित व्यक्ति, मंत्री, सरकारी कर्मचारी, दोषी व्यक्ति और नौ साल तक पद पर रहने वाले व्यक्ति पदाधिकारी नहीं बन सकते। 15 दिसंबर को हुई पिछली सुनवाई में कोर्ट ने कड़ी फटकार लगाते हुए कहा था कि कोर्ट के आदेश और लोढा समिति की सिफारिशें नहीं मानकर प्रथम दृष्टया बीसीआई अध्यक्ष ने अवमानना की है।

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