– जनप्रहरी एक्सप्रेस
सालासर/चूरु/जयपुर।पूर्व सीएम व भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसुन्धरा राजे ने कहा कि ‘मैं संगठन के सिपाही के रूप में पीएम मोदी जी के मार्गदर्शन व नड्डा जी के नेतृत्व में विचारधारा की मशाल लेकर आगे बढ़ रहीं हूँ।मैंने जो बालाजी की आस्था और जनता के आशीर्वाद का दीप जलाया है,वह किसी आँधी-तूफ़ान से बुझने वाला नहीं हैं।राजस्थान के माथे पर विकास का मुकुट लगाने से उन्हें कोई नहीं रोक सकता।
राजे सालासर में अपने जन्मदिवस पर आयोजित एक विशाल जनसभा में बोल रही थी।सभा में पहुँचने वालों की संख्या का अंदाज़ा इसी से लगाया जा सकता है कि सालासर के चारों तरफ़ 15-15 किलोमीटर तक जाम लग गया।पूर्व सीएम ने गहलोत सरकार पर जम कर हमला बोला।कहा जिन्हें जनता की सुरक्षा के लिए चुना,वे पूरे समय कुर्सी की सुरक्षा में लगे रहे।राजस्थान अराजकता के माहौल में जल रहा है और सीएम चैन की नींद सो रहें हैं।यह आग उनकी कुर्सी तक पहुँचेगी,न उनकी कुर्सी बचेगी और न उनकी सरकार।एक तरफ नरेंद्र मोदी के कुशल नेतृत्व में देश अमृतकाल मना रहा है।वहीं दूसरी ओर राजस्थान में अराजकता के कारण जनता खून के आसू पी रही है।चिरंजीवी योजना में 33 लाख मरीज़ों में से 100 मरीज़ों को भी पूरा क्लेम व 12 हज़ार भी में एक मरीज़ पर खर्च नहीं हुए।बीसियों बार पेपर लीक के कारण युवा याचक बन कर,सरकार से न्याय माँग रहें है।सरकार मास्टर माइंड को नहीं पकड़ रही।कांग्रेस ने साढ़े चार साल एक दूसरे को पछाड़ने में लगा दिए।राजस्थान पिछड़ गया।सहकारी बैंकों से लोन लेने वाले किसानों की बीमा राशि ही जमा नहीं कराई।
पूर्व सीएम ने कहा यहाँ वे लोग आयें है जो हर दौर में उनके साथ खड़े रहे।कितनी ही बाधायें आई,कितनी ही अड़चने आई, इन्होंने कभी साथ नहीं छोड़ा।चट्टान बन कर खड़े रहे।उन्होंने कहा कि उनकी माँ ने सिखाया कि राजस्थान के लिए प्राण भी चले जाए तो कम है।अटल जी ने कठिन परिस्थितियों में भी डटे रहने का साहस और भैरौं सिंह जी ने आत्मविश्वास से सींचा।
उन्होंने कहा 2003 में जनता ने भाजपा को पहली बार 120 और 2013 में 163 देकर सरकार बनाई।उनकी सरकार ने बीमारु प्रदेश को अग्रणी प्रदेश बनाया,पर दो बार कांग्रेस की अल्पमत सरकार ने विकास की जो इमारत हमने बनाई थी,उसे ढहा दिया।उन्होंने हनुमान चालीसा की दो पंक्तियां के साथ भाषण ख़त्म किया।’राम दुआरे तुम रखवारे,होत न आज्ञा बिनु पैसारे,सब सुख लहै तुम्हारी सरना,तुम रक्षक काहूं को डरना।इसके बाद विशाल जन समूह ने सामूहिक हनुमान चालीसा का पाठ किया।

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