नर्मदापुरम. अपनी कोख से जन्म देने वाली 28 दिन की मासूम को दुपट्‌टे से गला घोंटकर मारने वाली मां को आखिरकार सजा हो गई। नवरात्र में मासूम देवी स्वरूप मृत बेटी को न्याय मिला। कोर्ट ने निर्दयीय मां को अपनी बेटी की हत्या के जुर्म में दोषी करार दिया। कोर्ट ने मां पूजा उर्फ प्रज्ञा बरड़े निवासी खोजनपुर को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। कोर्ट ने 9 माह में ही फैसला सुनाकर मां को दोषी माना। घटना को लेकर आरोपी मां ने कहानी बनाई थी। बताया था कि 7 दिसंबर 2021 की दोपहर 2 बजे वह घर पर थी। पति और ससुर काम पर गए थे। बच्ची को पलंग (बिस्तर पेटी) पर सुलाकर वह नहाने चली गई। फिर काम में लग गई। शाम 6 बजे देखा तो बेटी पलंग से नीचे पड़ी थी। इसे देखकर चिल्लाई, तभी बिल्ली कमरे से निकलकर बाहर भाग गई। पति को फोन कर जानकारी दी। फिर हम बेटी को लेकर जिला अस्पताल लाए। डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया। मां ने बिल्ली के नोंचने की झूठी कहानी रची थी। हालांकि, यह कहानी पुलिस के गले नहीं उतरी थी। गले दबाने के निशान मिले थे। खोजनपुर ईदगाह की रहने वाली पूजा और दुर्गेश बड्‌डे की दो संतान हैं। एक 5 साल का बेटा और एक डेढ़ साल की बेटी। बेटे के बाद दूसरी डिलीवरी में एक बेटी हुई थी। परिजन का कहना है कि जब वह 6 माह की थी, तब उसे पीलिया हो गया था। इससे उसकी मौत हो गई। तीसरी डिलीवरी में बच्ची को जन्म दिया, जो अभी डेढ़ साल की है। चौथी डिलीवरी 1 महीने पहले हुई थी।

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