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जयपुर। दीनदयाल वाहिनी के प्रदेश अध्यक्ष घनश्याम तिवाड़ी ने कहा कि जनसंघ के संस्थापक श्यामा प्रसाद मुखर्जी और दीनदयाल उपाध्याय को देश के लिये शहीद होना पड़ा था। जिस पार्टी की स्थापना ही शहादत और त्याग से हुई हो, उसमें ऐसे लोग आ गये हैं जो लगातार पार्टी की छवी को खराब कर रहे हैं। ऐसे में हमें प्रतिज्ञा करनी होगी कि भाजपा की छवि खराब करने वालों से इस विचार परिवार को मुक्त करायें। इस दौरान उन्होंने मांग करते हुए कहा कि जिस प्रकार से सुभाष चंद्र बोस की हत्या के राज से धीरे धीरे पर्दा हटाया जा रहा है ठीक उसी प्रकार दीनदयाल उपाध्याय की हत्या के कारणों का भी खुलासा किया जाना चाहिए। उन्होंने ये भी कहा कि जनसंध के संस्थापक दीनदयाल उपाध्याय की हत्या के पीछे राजनीति में उनका बढ़ता हुए कद भी हो सकता है। तिवाड़ी वाहिनी के प्रदेश कार्यालय पर दीनदयाल उपाध्याय की पुण्यतिथि पर आयोजित पुष्पांजलि कार्यक्रम में बोल रहे थे। उन्होंने बताया कि पार्टी के विधान के हिसाब से तीन माह में एक बार प्रदेश कार्यकारिणी की मीटिंग होनी चाहिए यदि ऐसा न होता हो तो उसकी वैधानिकता समाप्त हो जाती है। प्रदेश में बीते तीन साल में महज एक कार्यकारिणी मीटिंग हुई, जिसके कारण वैधानिक रूप से अध्यक्ष रहने और कार्यकारिणी का कोई महत्व नहीं रह जाता है। तिवाड़ी ने कहा कि यह बड़ा ही महत्वपूर्ण प्रश्न है, क्योंकि लोकतंत्र को समाप्त करने के लिये सबसे पहले पार्टी के तंत्र को समाप्त कर दिया जाये जिससे सत्ता का तंत्र सर्वतंत्र हो जाये। ऐसा दीनदयाल उपाध्याय जी ऐसा नहीं चाहते थे, वे इसका विकेंद्रीकरण चाहते थे। इसलिये उन्होंने जनसंघ के संविधान में भी चुनाव का विधान जोड़ा था, इसलिये उस दौरान जनसंघ में भी आंतरिक चुनाव करवाये जाते थे। मगर अब उसे भुलाया जा रहा है।
मुख्यमंत्री को हटाने के बाद ही प्रदेश में गाड़ी वापस पटरी पर आ सकती-तिवाड़ी
कार्यक्रम के बाद तिवाड़ी ने मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि आज दीनदयाल जी के नाम से कबड्डी प्रतियोगिता, शिविर, मेलों का आयोजन किया जा रहा है मगर उनकी मूलभूत बात को भूला दिया गया। उन्होंने बताया कि उपाध्याय से पूछा गया कि यदि जनसंघ में भ्रष्टाचार पनपा तो आप क्या करेंगे? तो उनका जवाब था यदि ऐसा हुआ तो मैं जनसंघ को सौ दफा समाप्त करूंगा। तो पंडित दीनदयाल अपने सार्वजनिक जीवन में स्वच्छता, नैतिकता और ईमानदारी चाहते थे। मगर दुर्भाग्य है कि राजस्थान की वर्तमान सरकार में इन तीनों चीजों की ही कमी है। इसलिये दीनदयाल वाहिनी राजस्थान में ये काम कर रही है कि पंडित जी जिन मुल्यों की स्थापना के लिये बलिदान दिया था उसे व्यर्थ न जाने दिया जाये और उन मुल्यों की रक्षा के लिये वाहिनी मैदान में खड़ी होकर कार्य कर रही है। प्रदेश में भाजपा के नाम पर शासन कर रही मुख्यमंत्री के कामकाज से जनता संतुष्ठ नहीं है और न ही विपक्ष के तौर काम कर रही कांग्रेस से ही जनता संतुष्ठ है। तीसरे मोर्चे के सवाल पर तिवाड़ी ने कहा कि अभी तीसरे मोर्चे को लेकर नहीं केवल प्रदेश में नेतृत्व परिवर्तन कर और मुख्यमंत्री को हटाने के बाद ही प्रदेश में गाड़ी वापस पटरी पर आ सकती है। पंडित दीनदयाल उपाध्याय की पुण्यतिथि पर दीनदयाल वाहिनी ने प्रदेश भर में पुष्पांजली व रक्तदान शिविरों का आयोजन किया गया। जयपुर में वाहिनी के प्रदेश कार्यालय में पुष्पांजली कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें प्रदेश अध्यक्ष घनश्याम तिवाड़ी मुख्य वक्ता रहे। सी 7 जालूपुरा स्थित विधायक आवास पर आयोजित कार्यक्रम में जयपुर जिला अध्यक्ष विमल अग्रवाल समेत जिले भर के प्रमुख कार्यकर्ताओं ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।

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