जयपुर। खेल एवं युवा मामलात राज्य मंत्री अशोक ने गुरुवार को विधानसभा में कहा कि मेजर ध्यानचन्द स्टेडियम योजना के तहत चरणबद्ध रूप से राज्य के प्रत्येक ब्लॉक में खेल स्टेडियमों की स्थापना तथा विकास कार्य करवाने के लिएयदि संबंधित विधायक भी अधिक से अधिक राशि का योगदान करेंगे तो सरकार द्वारा  भी पैसा देकर इन खेल स्टेडियमों का निर्माण पूर्ण कराया जायेगा।
अशोक ने प्रश्नकाल में विधायकों द्वारा इस संबंध में पूछे गए पूरक प्रश्नों का जवाब देते हुए बताया कि किसी भी जिले में खेल स्टेडियम के लिए भूमि का आवंटन खेल विभाग द्वारा नहीं बल्कि संबंधित विभाग द्वारा होता है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मेजर ध्यानचन्द स्टेडियम योजना के तहतस्टेडियम निर्माण के लिए मैचिंग ग्रांट के बराबर पैसा देने की घोषणा की थी। लेकिन वित्त विभाग ने इसे 25 लाख रुपये तक सीमित कर दिया। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस सबंध में सरकार द्वारा ऎसे प्रस्ताव भी पास हुए है जिसमें कुल ग्रांट 25 लाख से ऊपर भी गई है।
इससे पहले चाँदना ने प्रश्नकाल में विधायक धर्मेन्द्र कुमार के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में बताया किविधानसभा क्षेत्र पीलीबंगा में क्रीडा परिषद /खेल विभाग के नाम से कोई भूमि आवंटित नहीं है। उन्होंने बताया कि बजट उपलब्धता एवं गुणावगुण के आधार पर स्टेडियम निर्माण का विचार किया जाता है।वर्तमान मे ऎसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन नही है।
उन्होंने बताया कि ग्राम पंचायत स्तर पर चरणबद्व रूप से खेल मैदान विकसित करने के लिये समन्वित स्टेडियम विकास कार्यक्रम 2015 के अन्तर्गत ग्राम पंचायत स्तर पर प्रचलित ‘एट लीस्ट वन आउटडोर गेम’ का मैदान बनाये जाने का प्रावधान है। जिसे स्थानीय स्तर पर मनरेगा योजना के तहत जिला परिषद के माध्यम से बनाया जा सकता है।
चाँदना ने बताया कि वर्ष 2021-22 की बजट घोषणा के बिन्दु संख्या 61 के अनुसार मेजर ध्यानचन्द स्टेडियम योजना के तहत चरणबद्ध रूप से राज्य के प्रत्येक ब्लॉक में खेल स्टेडियमों के विकास कार्य करवाये जाने हेतु विधायक सांसद निधि /जनप्रतिनिधि/ जन सहयोग/सीएसआर से प्राप्त राशि के बराबर राशि मैचिंग ग्रांट के रूप में राज्य सरकार द्वारा अधिकतम राशि रुपये 25.00 लाख दी जायेगी।उन्होंने कहा कि खेल विभाग द्वारा भूमि आवंटन की कार्यवाही नहीं की जाती है।

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