– धर्म का परिवर्तन हो गया, लेकिन खून तो हम में राम और कृष्ण का ही है
जयपुर. राजस्थान विधानसभा में बुधवार को कांग्रेस विधायक साफिया जुबेर ने खुद को और मेव समाज को राम-कृष्ण का वंशज बताया। कहा मेव लोग अलवर,भरतपुर, नूंह और थोड़ा मथुरा में बसते हैं, जहां कृष्ण जी का जन्म हुआ था। वहीं अमीन खान ने कहा भारत को हम सेक्युलर नहीं मानते हैं। साफिया जुबेर और अमीन खान शिक्षा विभाग की अनुदान मांगों पर बहस के दौरान बोल रहे थे। अलवर जिले की रामगढ़ सीट से विधायक साफिया जुबेर ने कहा मैंने भी जागाओं (वंशावली लिखने वाले) से थोड़ा इतिहास निकलवाया कि हमारा अतीत क्या है? उसमें यह निकलकर आया कि मेव तो राम और कृष्ण के वंशज हैं। चाहे धर्म का परिवर्तन हो गया हो, लेकिन खून तो आदमी का नहीं बदलता। खून तो हम में राम और कृष्ण का ही है। विधायक ने कहा कि मेवों को बार-बार पिछड़े कहने की जरूरत नहीं है। मेव को मेवा समझे। आप 10 साल में देखना कि कहां पहुंचते हैं। अभी हम तीन विधायक यहां तक पहुंचे हैं, आगे भी लोग तरक्की करेंगे। बाड़मेर जिले के शिव से कांग्रेस विधायक अमीन खान ने कहा कि 31 अक्टूबर 1984 के बाद हम तो इस देश को सेक्युलर मानते ही नहीं है। 31 अक्टूबर 1984 को को ही सेक्युलर का खात्मा हो गया। अब तो वक्त गुजारते हैं। हिंदू राष्ट्र भी हो जाएगा, लेकिन हमें मारेगा कोई नहीं। हिंदू धर्म को हम अच्छी तरह जानते हैं। हिंदू धर्म का ज्ञान जानते हैं। हिंदू भी दूसरे इंसान की रक्षा करेगा। यह धर्मनिरपेक्षता कागजों में है। राजस्थान में हर स्कूल में आज एक संप्रदाय के नाम की पूजा से कार्यक्रम शुरू करते हो, यह धर्मनिरपेक्ष देश की मजबूती का निशान नहीं है। लोग बोलते नहीं हैं, तो डर से नहीं बोलते हैं, जानते सब है। वहीं सदन में शहीदों के परिजनों लाभ नहीं मिलने का मुद्दा विधानसभा में गूंजा। सैनिक कल्याण राज्य मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा ने सदन में कलेक्टरों और राजस्व विभाग के अधिकारियों को लेकर कहा कि अफसर शहीदों के परिजनों का बिल्कुल सहयोग नहीं करते। विधायक संदीप शर्मा के सवाल के जवाब में गुढ़ा ने कहा कि शहीदों के परिजनों को पैकेज के तहत 25 बीघा जमीन और 25 लाख रुपए दिए जाते हैं। 25 बीघा जमीन जहां अलॉट करते हैं, कई शहीदों के परिजन मौके पर जमीन देखकर उसे लेना पसंद नहीं करते, वह जमीन उन्हें पसंद नहीं आती। गुढ़ा ने कहा शहीदों के परिजनों को राज्य सरकार के प्रावधान के हिसाब से कई प्रावधान है, लेकिन अधिकारी सहयोग नहीं करते हैं।

LEAVE A REPLY