डॉ मोनिका ओझा खत्री
यह स्मार्टफोन का जमाना है। आजकल परिवार के हर एक सदस्य के हाथ में स्मार्टफोन देखा जा सकता है। फोन लोगों को आपस में जोड़े रखते हैं और संबंध बनाए रखने में मदद करते हैं लेकिन कुछ मामलों में वे अवरोध भी बन जाते हैं। स्मार्टफोन के अनेक फायदे है मगर बहुत कम लोगों को मालूम है यह फोन फायदे के साथ आपको नुकसान भी पहुंचा रहा है। एक सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक स्मार्टफोन का ज्यादा इस्तेमाल शादीशुदा जिंदगी को खराब कर रहा है। इससे शादीशुदा लोगों की जिंदगी में दरार आ रही है। रिश्तों पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है। देश के प्रमुख शहरों में किए गए एक सर्वे के मुताबिक 88 फीसदी विवाहित भारतीयों को लगता है कि स्मार्टफोन का ज्यादा इस्तेमाल उनके वैवाहिक रिश्तों को नुकसान पहुंचा रहा है। वीवो ने साइबर मीडिया रिसर्च (सीएमआर) के साथ मिलकर स्मार्टफोन के ज्यादा इस्तेमाल से शादीशुदा जोड़ों के रिश्तों पर पड़ रहे असर के अध्ययन के लिए यह सर्वे किया। इसमें दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, हैदराबाद, बेंगलूरु, अहमदाबाद और पुणे के एक हजार से ज्यादा लोगों को शामिल किया गया। सर्वे में 67 प्रतिशत लोगों ने अपने जीवनसाथी के साथ समय बिताते हुए भी फोन पर व्यस्त होने की बात स्वीकार की, जबकि 89 फीसदी लोगों ने माना कि वह जीवनसाथी के साथ बातचीत में कम समय व्यतीत कर रहे हैं। सर्वे में 70 फीसदी महिलाओं ने कहा कि उनके पति स्मार्टफोन पर ज्यादा व्यस्त रहते हैं। स्मार्टफोन हमारे स्वास्थ्य, रिश्तों के साथ-साथ काम पर भी असर डालता है। मोबाइल की लत से पीड़ित लोग नोमोफोबिया से पीड़ित होते हैं, जो बिना किसी कारण या आपके मोबाइल फोन का उपयोग करने में असमर्थ होने या न होने का डर है। फोर्टिस हेल्थकेयर के मुताबिक रिश्तों के टूटने की वजह यह है कि लोगों को फोन की लत लग जाती है। एक ऐसी स्थिति आ जाती है कि फोन रख भी दिया जाए तो भी दिमाग वहीं रहता है और हाथ खुद बखुद फोन की तरफ पहुंच जाते हैं। यह स्थिति बेहद खतरनाक साबित हो रही है। लोग फोन के आगे किसी रिश्ते नाते को अहमियत नहीं दे पाता। दिन भर के काम के तनाव के बाद फोन के गेम व सोशल साइट पर सुकून की तलाश करते हैं। उनकी यह तलाश कुछ हद तक पूरी भी होती है लेकिन उसके प्रभाव में नाते रिश्ते गौण होते जा रहे हैं। इससे केवल युवा ही नहीं बल्कि बड़ी उम्र के लोगों के साथ भी इस तरह की समस्याएं आ रही हैं। केवल पुरुष ही नहीं, महिलाओं में भी स्मार्ट फोन व सोशल साइट की लत देखने को मिल रही है। ऐसे में बात रिश्तों के बिखराव तक पहुंच रही है जो कि समाज के लिए एक चेतावनी है। लोगों का समय रिश्तों की जगह फोन पर बीत रहा है। इससे भटकाव हो रहा है व रिश्ते टूट रहे हैं। लोग पास बैठकर बात करने की बजाए मैसेज पर बात करना ज्यादा पसंद करते हैं। लोगों को स्मार्ट फोन का कम से कम उपयोग करना चाहिए।
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