नई दिल्ली। मणिपुर में सत्ता से दूर रहने के बाद भी सरकार बनाने में कामयाब रही भाजपा ने सोमवार को सदन में ध्वनिमत से विश्वास मत जीत लिया। मणिपुर में चुनाव के जो परिणाम सामने आए। उसमें भाजपा नम्बर दो पर थी। 60 सदस्यीय विधानसभा में उसे 21 सीटें मिली थी, जबकि कांग्रेस को 28 सीटें। ऐसे में लग रहा था कि कांग्रेस मणिपुर में अपनी सरकार बना लेगी। लेकिन राजनीतिक उलट फेर के बीच भाजपा कामयाब रही और पूर्व फुटबॉलर बीरेन सिंह ने अन्य दलों के सहयोग से गठबंधन कर सरकार बनाने का राज्यपाल नजमा हेपतुल्ला के सामने प्रस्ताव रखा। इस पर राज्यपाल ने बीरेन सिंह को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित करते हुए सीएम पद की शपथ दिला दी। सोमवार को सदन में विश्वास प्रस्ताव पास करना था। जिसे सीएम बीरेन सिंह ने सहजता से पास कर लिया। इधर मणिपुर में विगत 5 माह से जारी यूनाइटेड नगा काउंसिल (यूएनसी) की आर्थिक नाकेबंदी भी रविवार की रात्रि से समाप्त हो गई। मणिपुर के जिला मुख्यालय में हुई केन्द्र, राज्य व नगा समूहों की बातचीत के बाद यूएनसी नेताओं की बिना शर्त रिहाई और आर्थिक नाकेबंदी को लेकर नगा जनजातीय नेताओं, छात्र नेताओं के खिलाफ दर्ज मामलों को खत्म करने पर सहमति बनी। गौरतलब है कि पूर्व मुख्यमंत्री इबोबी सिंह की अगुवाई वाली कांग्रेस सरकार के 7 नए जिले बनाए जाने के फैसले के खिलाफ यूएनसी ने गत वर्ष नवंबर माह से आर्थिक नाकेबंदी शुरू करने का ऐलान किया था।

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