Focus on developing India as a center of cheap medical devices: Nadda

नयी दिल्ली। केन्‍द्रीय स्‍वास्‍थ्‍य और परिवार कल्‍याण मंत्री जे पी नड्डा ने आज कहा कि भारत सार्वजनिक स्‍वास्‍थ्‍य के सभी लक्ष्यों को हासिल करने के लिए राष्‍ट्रीय और वैश्विक स्‍तर पर प्रतिबद्ध है और देश को सस्‍ते चिकित्‍सा उपकरणों के केन्‍द्र के रूप में विकसित करने पर विशेष ध्‍यान दिया जा रहा है। नड्डा ने यहां ‘सतत विकास के लिए 2030 के एजेंडा’ के संदर्भ में चिकित्‍सा उत्‍पादों तक पहुंच और व्‍यापार तथा स्‍वास्‍थ्‍य के लिए अंतरराष्‍ट्रीय कानूनों पर पहले विश्‍व सम्‍मेलन का उद्घाटन करते हुए यह बात कही। स्‍वास्‍थ्य मंत्री ने कहा कि सस्‍ते चिकित्‍सा उत्‍पाद विकसित करने के लिए उद्योग और शैक्षणिक समुदाय के बीच सहयोग को इस प्रकार बढ़ाने की जरूरत है कि चिकित्‍सा क्षेत्र में नए अविष्‍कार और इस क्षेत्र की प्रगति जनसंख्‍या के बड़े हिस्‍से तक पहुंच सके। नियामक प्राधिकारों और फार्मा क्षेत्र के बीच पारदर्शिता के महत्‍व को उजागर करते हुए नड्डा ने कहा कि राष्‍ट्रीय नियामक प्राधिकारों और फार्मास्‍यूटिकल क्षेत्र के बीच समन्‍वय से नई स्‍वास्‍थ्‍य प्रौद्योगिकी को शुरू किया जा सकेगा और उसका पंजीकरण हो सकेगा।

उन्होंने कहा कि 2015 की राष्‍ट्रीय चिकित्‍सा उपकरण नीति स्‍थानीय निर्माता को बहुउत्‍पाद, बहुविषयक उद्योग के लिए सक्षम बनाएगी। उन्‍होंने कहा, ‘‘भारत में प्रतिदिन घुटनों की करीब डेढ़ लाख सर्जरी की जाती हैं। चिकित्‍सा उपकरणों के क्षेत्र में अधिक निवेश और प्रभावी व्‍यक्तियों अथवा समूहों के अधिक संख्‍या में जुड़ने से कीमतें कम होंगी और चिकित्‍सा उत्‍पादों तक पहुंच बढ़ेगी क्‍योंकि अधिकतर सरकारें चिकित्‍सा उत्‍पादों तक पहुंच और उनके मूल्‍यों को लेकर संवेदनशील हैं।’’

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