Ensure easy access to records related to Gandhiji's killing: CIC

जयपुर। राजस्थान सरकार के सार्वजनिक निर्माण मंत्री यूनुस खान ने कहा कि लोकतांत्रिक परम्पराओं का गला घोंटने में माहिर काँग्रेस की कारगुजारियों को देश की जनता के समक्ष उजागर करने के लिए हमारे देश में पहली बार प्रधानमंत्री को उपवास रखना पड़ा। यह सर्व विदित है कि काँग्रेस केवल परिवारवाद में विश्वास रखती है, जनभावनाओं का सम्मान और लोकतंत्र का आदर काँग्रेस के शब्दकोश में नही है।

सार्वजनिक निर्माण मंत्री यूनुस खान ने कहा कि भारत में काँग्रेस के शासन पर यदि हम दृष्टिवाद करें तो पायेंगे कि 17 वर्ष तक नेहरू जी, 17 वर्ष इन्दिरा जी और 5 वर्ष राजीव गाँधी जी शासन के मुखिया रहे। और केवल 10 वर्ष अन्य को मिलें और उन 10 वर्षें में भी निर्देश देने वाला गाँधी परिवार का सदस्य ही था। यानि की 49 वर्षों में से 39 वर्ष तो शासन की कमान एक ही परिवार ने प्रत्यक्ष रूप से अपने हाथ में रखी। तथा 10 वर्षों तक अप्रत्यक्ष अंकुश कायम रखा और जब भारत की जनता ने अभूतपूर्व कदम उठाते हुए लोकतंत्र की रक्षा हेतु देश की कमान एक सामान्य चाय वाले को सौंपकर आदरणीय नरेन्द्र मोदी जी को देश का प्रधानमंत्री बनाया एवं उनकी अगुवाई में भारत के अनवरत विकास की रूकी हुई प्रक्रिया पुनः शुरू हुई तो आधी सदी तक राज करने वाले परिवार के युवराज को पसन्द नहीं आया और उन्होंने अपने पारिवारिक संस्कारों को आगे बढ़ाते हुए कारगुजारी कर संसद की कार्रवाई अटकवायी और इसी कुकृत्य को आमजनता के समक्ष स्पष्ट करने के लिए आज माननीय प्रधानमंत्री जी और अन्य जनसेवकों को नैतिक उपवास रखना पड़ा।

यूनुस खान ने कहा कि काँग्रेस मुद्दाविहीन हो चुकी है और उल्टे-सीधे कृत्य करके चर्चाओं में रहने का प्रयास करती है। हमारी सरकार जनता के लिए कार्य करने में विश्वास करती है और जनहित को सर्वोपरि मानकर अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन कर रही है। और इसी सन्दर्भ में संसद के अन्दर भ्रष्टाचार निरोधक बिल को काँग्रेस ने सदन को चलने से रोका और 9 महत्वपूर्ण बिल पास होने से रोक दिये गये।

यूनुस खान ने यह भी कहा कि आज अशोक गहलोत जी काँग्रेस की इसी खोखली बयानबाजी की कुपरम्परा के संवाहक बन चुके है और रोजाना चर्चा में रहने के लिए अनर्गल बयानबाजी कर रहे है। लेकिन मैं उन्हें बताना चाहूँगा कि आदरणीय वसुन्धरा राजे जी के पूर्व शासन में 2008 तक महिलाओं के खिलाफ अपराधों की संख्या 14500 थी जो अशोक गहलोत के शासन काल में बढ़कर 29000 हो गई थी। और मैं अशोक गहलोत जी से यह प्रश्न पूंछना चाहता हूँ कि जनता ने उन्हें विधायक किस कार्य के लिए चुना है। खोखली बयानबाजी के लिए या जनता की आवाज और जनहित के मुद्दों को सदन के समक्ष रखने के लिए ? मैंने इस 14वीं विधानसभा के अभी तक के सम्पूर्ण कार्यकाल में अशोक गहलोत जी को केवल 2 बार हाऊस में देखा है। जनता ने जिस फर्ज के लिए चुना है विधानसभा सत्र के दौरान हाऊस में आकर वो तो निभाते नहीं है और एक परिवार विशेष की सेवा सुश्रुषा में पूर्णतया समर्पित नजर आते है।

यूनुस खान ने कहा कि भाजपा जनता की पार्टी है और जनहित के लिए संघर्ष कर ही सŸाा में आई है, जबकि काँग्रेस तो एक परिवार विशेष की विरासत को प्रमुखता देती है। उन्होंने कहा कि महात्मा गाँधी पर काँग्रेस का काॅपीराईट नहीं है। काँग्रेस की असलियत को महात्मा गाँधी ने तभी पहचान लिया था और कहा था कि एक राजनैतिक दल के रूप में काँग्रेस का अस्तित्व समाप्त हो जाना चाहिये।

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