जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि गणतंत्र दिवस का पावन पर्व हमें संविधान की मूल भावना को आत्मसात करने की प्रेरणा देता है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र, समाजवाद और पंथ निरपेक्षता जैसे मूल्यों को अपनाकर ही हम इस देश को एकता के सूत्र में बांधे रख सकते हैं।
गहलोत मंगलवार को गणतंत्र दिवस के अवसर पर बड़ी चौपड़ पर झण्डारोहण के बाद वहां उपस्थित लोगों को सम्बोधित कर रहे थे। गहलोत ने प्रदेशवासियों को गणतंत्र दिवस की बधाई देते हुए कहा कि आज के दिन हम देश के लिए शहीद हुए उन हजारों सेनानियों को याद करते हैं, जिन्होंने भारत को आजादी दिलाने के लिए अपना सब कुछ न्यौछावर कर दिया। हमारे महान नेताओं ने देश को दुनिया का सर्वश्रेष्ठ संविधान दिया है। हम सबकी जिम्मेदारी है कि संविधान की पालना करते हुए लोकतंत्र की जड़ों को मजबूत करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और राजीव गांधी शहीद हो गए, लेकिन देश को तोड़ने वाली ताकतों को कामयाब नहीं होने दिया। आज हमें इसी भावना के साथ लोकतंत्र के समक्ष मौजूद चुनौतियों का सामना करते हुए आगे बढ़ना है। उन्होंने केंद्र सरकार से आग्रह किया है कि किसानों की वाजिब मांगों पर संवेदनशीलता से विचार किया जाए। लोकतांत्रिक तरीके से किसी भी मुददे का हल निकाला जा सकता है।
गहलोत ने कहा कि विश्वव्यापी कोरोना महामारी के लम्बे दौर का राज्य सरकार ने हर वर्ग को साथ लेकर सफलतापूर्वक सामना किया है। हमारे कुशल प्रबंधन की देशभर में सराहना हो रही है। वर्तमान में प्रदेश में कोरोना संक्रमण की स्थिति नियंत्रण में है और इसके टीकाकरण का अभियान भी शुरू हो गया है, लेकिन हमें अब भी पूरी सजगता और सतर्कता के साथ रहना होगा। हमारी लापरवाही से संक्रमण का खतरा फिर बढ़ सकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार  संवेदनशील, पारदर्शी और जवाबदेह सुशासन देने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रही है। हमारा प्रयास है कि प्रदेशवासियों को गुड गवर्नेंस मिले, रोजगार के अधिक से अधिक अवसर पैदा हों और राजस्थान उन्नति के शिखर पर पहुंचे।
इस अवसर पर शिक्षा राज्यमंत्री गोविन्द सिंह डोटासरा, सांसद नीरज डांगी, विधायक अमीन कागजी, नगर निगम जयपुर हैरिटेज की महापौर मुनेश गुर्जर सहित अन्य जनप्रतिनिधि एवं आमजन उपस्थित थे।

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