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-राजनीतिक लाभ लेने के लिये भाजपा नेताओं ने दलित के घर किया भोजन-प्रतापसिंह खाचरियावास खाचरियावास

जयपुर. राजस्थान प्रदेष कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता एवं जयपुर जिलाध्यक्ष प्रतापसिंह खाचरियावास ने कहा कि भाजपा सरकार के साढ़े तीन वर्ष पूरे हो जाने के बाद आखिर भाजपा और उनके नेताओं को दलितों के सम्मान और अधिकार की बात याद आ ही गई? खाचरियावास ने कहा कि आने वाले एक वर्ष बाद चुनाव आचार सहिंता लग जायेगी। चुनाव में जनता के आक्रोष से बचने के लिये भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने दलितों के सम्मान की बात कहकर सुषीलपुरा में एक दलित परिवार के यहां भोजन ग्रहण किया, लेकिन आष्चर्य है कि उस परिवार के ना तो थाली और ना ही गिलास काम में लिये गये। पत्तल, दोनें तथा पीने के पानी के लिये कुल्हड़ को काम में लिया गया। यह साफ दर्षाता है कि भाजपा के नेता अपनी राजनीति को चमकाने और सिर्फ राजनीतिक लाभ लेने के लिये दलित के घर पहुचंे।

-जब सुशीलपुरा में दो बच्चों की मौत हुई, तब क्यों नहीं पहुंचे भाजपा मंत्री-नेता

इसी दलित बस्ती सुषीलपुरा में जब गंदे पानी पीने से दो बच्चों की मौत हो गई थी तो क्षेत्रीय विधायक व मंत्री अरूण चतुर्वेदी और मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे इस बस्ती में नहीं पहुंचे थे, ना ही उन्हें आर्थिक सहायता दी गई। उस वक्त कांग्रेस ने उन परिवारों को आर्थिक सहायता भी प्रदान की तथा इस सुषीलपुरा बस्ती में लगभग सभी लोगों को पेंषन तथा यहां पर सभी तरह के विकास कार्य-सड़क, सीवरेज तथा पानी की लाईनें कांगे्रेस षासन के समय डाली गई थी। आज तक सुषीलपुरा बस्ती में भाजपा सरकार के लगभग इन चार वर्षों में कोई भाजपा नेता नहीं गया, अब सिर्फ वोटों के डर से राजनीतिक लाभ प्राप्त करने के लिये दलित परिवार के घर पर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित षाह और मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने भोजन ग्रहण किया।

– डांगावास में दलितों को मारा भाजपा राज, तब क्यों नहीं गए भाजपा नेता

नागौर के डांगावास गांव में दलितों के ऊपर भारी जुल्म हुआ, कई दलितों की सरेआम हत्या कर दी गई, दलित महिलाओं के साथ बहुत बुरा व्यवहार करके हत्याऐं की गई, तब भाजपा के किसी नेता ने डांगावास जाकर दलितों को नहीं संभाला। आज तक अपराधियों के विरूद्ध डांगावास में कोई सख्त कार्यवाही नहीं की गई, आज भी डांगावास तथा उसके आसपास के क्षेत्रों में दलित वर्ग के लोग डरे और सहमे हुये रहते हैं।  खाचरियावास ने कहा कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह का तीन दिन का दौरा सिर्फ आने वाले चुनाव में भाजपा की निष्चित हार को मध्यनजर रखते हुये भाजपा को जीताने की रणनीति बनाने तक ही सीमित रहा। अमित शाह का यह कहना कि आने वाले चार महिने में हम सब ठीक कर देगें, यह दर्षाता है कि वे खुद यह मानते हैं कि राजस्थान मंे भाजपा सरकार से जनता नाखुष है, लोग भाजपा सरकार को बदलना चाहते हैं, इसलिये वे आने वाले चार महीने में कुछ करने की बात कर रहे हैं लेकिन अब ऐसा कुछ नहीं होने वाला है क्यांेकि प्रदेष का हर वर्ग भाजपा सरकार के कुषासन से त्रस्त और परेषान है। कर्मचारी, व्यापारी, मजदूर, किसान और विद्यार्थी सभी भाजपा सरकार को बदलने का मन बना चुके हैं।

भाजपा के अध्यक्ष अमित शाह के दौरे के दौरान जयपुर में दो जगह दिनदहाड़े डकैती ने यह साबित कर दिया है कि प्रदेष में कानून व्यवस्था पूरी तरह से चैपट हो चुकी है तथा सांसद-सांवरलाल जाट के भाजपा कार्यालय में बेहोष हो जाने के बाद बीस मिनट तक एम्बूलेंस का नहीं पहुंचना तथा प्राथमिक उपचार उपलब्ध नहीं होना, यह दर्षाता है कि एक सांसद को मेडिकल सुविधा तुरन्त उपलब्ध नहीं हो पायी तो आम आदमी के साथ इस सरकार में कैसा व्यवहार होता होगा। डाॅक्टर्स ने भी यह कहा कि यदि सांवरलाल जाट को बीस मिनट पहले पहुंचा देते तो उनके ब्रेन का नुकसान होने से बचाया जा सकता था। खाचरियावास ने कहा कि आष्चर्य है कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित षाह ने उनके स्वयं के विधायकों द्वारा उठाये गये किसी भी प्रष्न का कोई जवाब नहीं दिया, जो भाजपा नेताओं की तानाषाही प्रवृति को दर्षाता है।  खाचरियावास ने कहा कि आज ही 10 दलित प्रिंसिपलों को एपीओ करके भाजपा सरकार ने अपनी दलित विरोधी नीति पर मोहर लगा दी है।

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