नई दिल्ली। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने पीएम नरेंद्र मोदी के भ्रष्टाचार के खुलासे के बाद भूकम्प आने का दावा किया था, लेकिन सहारा कंपनी से चालीस करोड़ रुपए के लेन-देन के आरोपों को जनता गंभीरता से नहीं ले रही है। बल्कि इन आरोपों को आधारहीन मान रही है। यह खुलासा सी.वोटर के एक सर्वे में हुआ है। सर्वे के मुताबिक, 82.7 प्रतिशत लोगों का मानना है कि मोदी पर लगे आरोप आधारहीन हैं। सिर्फ 17.3 प्रतिशत लोग हैं जो इस आरोप को गंभीर मान रहे हैं। सर्वे में शहरी, अद्र्धशहरी, ग्रामीण क्षेत्रों के निम्न आय वर्ग, मध्यम आय वर्ग और उच्च आय वर्ग के अलग-अलग उम्र के लोगों से कुछ सवाल किए गए थे। सर्वे के अनुसार कुल 57.7 प्रतिशत लोगों का यह मानना था कि वह राहुल पर भरोसा नहीं करते और उन्हें यह आरोप आधारहीन लगते हैं। 9.8 प्रतिशत लोगों ने कहा कि उन्हें राहुल पर भरोसा भी है और मोदी पर लगाए आरोप भी सही हैं। 7.6 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वे राहुल पर भरोसा तो करते हैं, लेकिन उनके आरोप को सही नहीं मानते। वहीं 3.9 प्रतिशत वैसे लोग थे जो राहुल पर भरोसा नहीं करते, लेकिन मोदी पर लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोप को सही मानते हैं। बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गढ़ गुजरात के मेहसाणा में रैली करते हुए राहुल गांधी ने आरोप लगाया था कि गुजरात के सीएम के तौर पर नरेन्द्र मोदी ने सहारा और बिड़ला कंपनी से पैसे लिए। इसके सबूत इनकम टैक्स के पास हैं। राहुल ने कहा, पीएम मोदी देश को खुद सच बताएं। राहुल ने आरोप लगाया कि सहारा ने छापे के बाद 6 महीने में 9 बार पीएम मोदी को पैसे दिए। नोटबंदी के बाद देश भर में लोग कैश की समस्या से जूझ रहे हैं। बैंकों और एटीएम में लंबी लाइन से लोग त्रस्त हैं, लेकिन सी.वोटर सर्वे के अनुसार इस फैसले के 40 दिन बाद भी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को लोगों का समर्थन मिल रहा है।

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