JLF, Kanhaiya Lal Sethia, Poetry Award, Arvind Krishna Mahrotra

जयपुर, 23 जनवरी। जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में गुरुवार को राजस्थानी भाषा के उद्भट विद्वान, विचारक एवं महाकवि कन्हैया लाल सेठिया के नाम से दिया जाने वाला चैथा प्रतिष्ठित कन्हैया लाल सेठिया कविता सम्मान देश के जाने-माने कवि, अनुवादक एवं विचारक अरविन्द कृष्ण महरोत्रा को प्रदान किया गया। उल्लेखनीय है कि इस वर्ष सेठियाजी की 100वीं जयन्ती मनाई जा रही है।राजस्थान के उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट, फिल्म गीतकार प्रसून जोशी, प्रसिद्ध लेखक ऐजे थाॅमस, निरूपमा दत्त, फेस्टिवल की को-डायरेक्टर नमिता गोखले, संजय के. राॅय, जयप्रकाश सेठिया एवं सिद्धार्थ सेठिया ने प्रदान किया। महरोत्रा को सम्मान स्वरूप 1 लाख रूपए का चैक और स्मृति चिन्ह प्रदान किया गया।

उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने सम्मान समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि महाकवि कन्हैया लाल सेठिया ने हिन्दी, राजस्थानी और अंग्रेजी में जो साहित्य रचा उसकी छाप लोगों के दिलों पर आज तक है। वह इतिहास का अमिट पन्ना है।  पायलट ने कहा कि ऐसे विद्वान के नाम पर पुरस्कार दिया जाना गौरव की बात है और इसके लिए सेठिया परिवार को साधुवाद देता हूं। उन्होंने कहा कि जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल पर जयपुर और राजस्थान को फख्र होता है और यह समारोह निरन्तर प्रसिद्ध और चर्चित होता जा रहा है।
उन्होंने फेस्टिवल की सराहना करते हुए कहा कि यह वह स्थान है जहां अनेक विचारधाराओं के लोग एक साथ एक मंच पर चर्चा करते हैं। लोकतंत्र और हमारे देश एवं समाज की खूबी है कि हम साथ बैठकर संवाद कर सकते हैं। प्रसिद्ध लोगों को सम्मानित करने का मौका मिलता है। इसमें कोई प्रोटोकाल नहीं बल्कि, बुजुर्ग, बच्चे, सेवानिवृत सभी यहां आकर आनन्द और सुकून का अहसास करते हैं।

सम्मानित लेखक अरविन्द कृष्ण महरोत्रा प्रसिद्ध अंग्रेजी कवि, आलोचक और अनुवादक हैं जिन्होंने कबीर के दोहों का अंग्रेजी में उच्चकोटि का अनुवाद किया। इसके अलावा हिन्दी, बांग्ला और गुजराती के साहित्य का भी अनुवाद किया। प्रो. महरोत्रा इलाहाबाद विश्वविद्यालय के अंग्रेजी विभाग के प्रोफेसर रहे जिनके 7 अंग्रेजी काव्य संग्रह, 3 गं्रथ और 200 से अधिक अनुवाद कार्य हैं। आप आक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में पढ़े हुए हैं।
अरविन्द कृष्ण ने इस पुरस्कार के लिए जीएलएफ एवं सेठिया परिवार का आभार व्यक्त किया। उन्होंने इस अवसर पर अपनी सृजन यात्रा और विशेष रूप से प्राकृत तथा कबीर पर किए गए कार्यों का उल्लेख किया। नमिता गोखले ने आभार जताया।

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