Youngsters made JLF unique: Sanjo

जयपुर व साहित्य पर गुलाबी वातार्लाप
जयपुर। शुभ विचार(ए राइट थिंकिंग) संस्था की ओर से सोमवार को सोडाला स्थित महात्मा ज्योतिराव फुले विश्वविद्यालय प्रांगण में जयपुर व साहित्य पर गुलाबी वातार्लाप कार्यक्रम हुआ। इस दौरान विभिन्न क्षेत्रों की आठ हस्तियों का सम्मान भी किया गया।
विभिन्न क्षेत्रों की हस्तियां का हुआ सम्मान
जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल के सीईओ संजोए के.रॉय ने कला, साहित्य, संस्कृति और पर्यटन के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने वाले आठ हस्तियों का भी सम्मान किया। संगीत व कला समीक्षा के लिए पत्रकार पूनम चन्द्रा, संगीत के लिए चंद्रमोहन भट्ट, आर्ट प्रमोटर के लिए शैलेन्द्र भट्ट, साहित्य के लिए मृदुला बिहारी और ऊषा जोशी, पर्यटन के लिए तृप्ति पांडे, आर्ट प्रमोटर के लिए टिम्मी कुमार एवं संस्कृति के लिए शशिकला शर्मा का प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया।
हजारों की तादाद में आने वाले लोगों में 61 फीसदी युवा
जेएलएफ के सीईओ संजोए रॉय ने कहा कि अब जेएलएफ देश में ही नहीं पूरी दुनिया का अजूबा फेस्टिवल बन गया है। अब इस मैजिक को आयोजक भी शिद्दत से महसूस भी करने लगे हैं। शुबहा नहीं है कि आज युवा ग्लोबली सोचने लगा है। आज हालत यह हैं कि हजारों की तादाद में अदबी दुनिया की सैर करने वाले लोगों में 61 फीसदी युवा है, जो इस फेस्टिवल की कामयाबी का सबूत भी है। उन्होंने कहा कि सामाजिक वैचारिक सामंजस्य के लिए साहित्य से युवा पीढ़ी को जोड?ा बेहद जरूरी है। उन्होंने बताया कि बुनियादी तौर पर 2002 में जयपुर में लिट.फेस्ट. की शुरूआत हुई। उस वक्त नॉलेज और लर्निंग के इस फेस्टिवल से आम लोगों को जोड?ा चुनौती थी। तब डिग्गी पैलेस के दरबार हॉल में ही जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल सिमट जाता था। उस वक्त सुरक्षा के ताम-झाम भी नहीं हुआ करते थे। कुछ साल तक विरासत फाउंडेशन के साथ मिलकर इस फेस्टिवल को विस्तार दिया। जब जनआस्था जेएलएफ से जुड़ीं तो डिग्गी पैलेस में साहित्यप्रेमियों का सैलाब उमडने लगा।

वॉयलेंस कोई विकल्प नहीं
संजोए ने कहा कि जीवन में लक्ष्य का होना बेहद जरूरी है। इससे संवेदनशीलता बढ़ती है। संवेदनशील व्यक्ति गुनाह का रास्ता नहीं अपनाता है। ऐसा नहीं होना चाहिए कि किसी को बात उसके मन मुताबिक न हो तो हिंसा करना शुरू कर दे। विरोध जताने के लिए वॉयलेंस विकल्प नहीं हो सकता है। संजयलीला भंसाली की फिल्म पद्मावत को लेकर देश भर में चल रहे विरोध प्रदर्शन की ओर इशारा करते हुए संंजोए ने कहा कि वॉयलेंस नहीं डायलॉग करना चाहिए।

जुगाड़ संस्कृति का बोलबाला
संजोए ने कहा कि देश में जुगाड़ संस्कृति का बोलबाला है। हर शख्स अपना काम कराने के लिए जुगाड़ लगाता है। जुगाड़ी से नहीं आगाड़ी से ही तरक्की होगी।
बेमिसाल हैं जयपुर के कलर्स
डिग्गी पैलेस में जेएलएफ के लिए डिग्गी पैलेस में स्थलों की सजावट, कलर्स दूसरे देशों के लोगों को इतने भाते हैं कि वे ऐसे कलर्स अपने देशों के लिट.फेस्ट में कराते हैं। कला, साहित्य के गढ़ जयपुर के बेमिसाल कलर्स दुनिया भर में रंग बिखेर रहे हैं। महात्मा ज्योति राव फुल विश्वविद्यालय के चेयरपर्सन निर्मल पंवार ने कहा कि साहित्य समाज का दर्पण है। मोबाइल व इंटरनेट ने देश के युवाओं को खेल के मैदान और सामाजिक सरोकारों से दूर कर दिया है। जेएलएफ युवाओं को किताबों से जोड?े का पुरजोर कोशिश कर रहा है। संचालन निधीश गोयल ने किया। टॉक शो में नेहरू युवा केन्द्र के समन्वयक महेष शर्मा ने एमजेआरपी के अचरोल कैम्पस में चल रहे नेशनल यूथ एक्सचेंज प्रोग्राम में असम और राजस्थान से आए युवाओं ने टॉक शो में हिस्सा लिया। इस मौके पर एडवोकेट एचसी गणेशिया भी मौजूद रहे। अंत में शुभ विचार संस्था के फाउंडर-डायरेक्टर जीतेन्द्र शर्मा ने सभी आगन्तुकों का आभार जताया।

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