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नई दिल्ली। देश में अब जीएसटी का असर दिखने लगा है भारत की ग्रोथ रेट यानिकी जीडीपी जर्बदस्त उतार के साथ 5.7 पर आ गई है। इसमें जीएसटी के साथ-सात नोटबंदी भी एक मुख्य कारण माना जा रहा है। गतवर्ष 8 नवंबर 2016 को नोटबंदी के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी खुद अपने भाषणों में इस बात को कह चुके हैं कि यह विकास की शुरुआत है इससे थोड़ी बहुत दिक्कतें जरुर होगी, जीडीपी दर में भी कमी आएगी मगर आगे आने वाले समय में इसके दूरगामी परिणाम सामने आएंगे। वहीं जेटली ने भी भरोसा दिलाया था कि यह संकट परमानेंट नहीं है यह देश को भविष्य में आर्थिक रूप से मजबूत करने के लिए एक शुरूआत है जो धीमी भले ही मगर आगे इसके परिणाम सुखद होंगे।

इसी कड़ी में आज भारत के जीडीपी के आंकड़े गुरुवार को सार्वजनिक किए गए। केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय ने अप्रैल-जून तिमाही के लिए यह आंकड़े पेश किए हैं। इन आंकड़ों के मुताबिक जीडीपी में भारी गिरावट दर्ज की गई है। भारत की विकास दर अप्रैल से जून की तिमाही में 5.7 फीसदी दर्ज की गई है। पिछले साल यानि 2016 की अप्रैल-जून तिमाही में 7.9% फीसदी थी। वहीं जनवरी- मार्च तिमाही में यह दर 6.1 फीसदी थी। आर्थिक विश्लेषकों ने जीएसटी (गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स) और नोटबंदी को विकास दर में गिरावट को बड़ी वजह बताया है।नरेंद्र मोदी सरकार के लिए जीडीपी के नए आंकड़ों से एकबार फिर निराशा हाथ लगी है। पिछले साल यानि 2016 में देश की जीडीपी 7.1 फीसदी की दर से बढ़ी थी, जो 8 फीसदी के अनुमानित दर से कम की रही थी।

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