-पीएम नरेन्द्र मोदी ने डूंगरपुर कलक्टर सोलंकी का किया सम्मान
डूंगरपुर.जनजाति अंचल डूंगरपुर में आदिवासी महिलाओं के हाथों सोलर लेंप बनाने की जिला प्रशासन की अनूठी परियोजना को शुक्रवार को राष्ट्रीय सम्मान प्रदान किया गया। नई दिल्ली में 11 वें सिविल सेवा दिवस समारोह में लोक प्रशासन में उत्कृष्टता के लिए नवाचार श्रेणी में सोलर लेंप प्रोजेक्ट के लिए डूंगरपुर जिला कलक्टर सुरेन्द्र कुमार सोलंकी को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने यह पुरस्कार प्रदान किया। इस मौके पर नवाचार श्रेणी में छत्तीसगढ़ के दंत्तेवाड़ा जिले को भी प्रधानमंत्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया। केन्द्र सरकार द्वारा देशभर में प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा जनसामान्य के जीवन में अतुलनीय बदलाव लाने के लिए किए जा रहे नवाचारों को प्रोत्साहित करने के लिए यह उत्कृष्टता पुरस्कार नई दिल्ली के विज्ञान भवन में शुक्रवार को आयोजित समारोह में दिए गए। प्रधानमंत्री मोदी ने जिला कलक्टर सोलंकी को प्रशस्ति पत्र और स्मृति चिह्न प्रदान करते हुए महिला सशक्तिकरण की इस अनूठी परियोजना को सम्मान दिया। पुरस्कार देने से पूर्व समारोह में डूंगरपुर के सोलर लेंप प्रोजेक्ट पर आधारित एक लघु फिल्म का भी प्रदर्शन किया गया जिसे प्रधानमंत्री मोदी व अतिथियों सहित देशभर से आए हुए अधिकारियों ने सराहा।
इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में देशभर में प्रशासनिक अधिकारियों को कहा कि यह अच्छी बात है कि अधिकारी अपनी क्षमताओं, चुनौतियों और उत्तदायित्वों के प्रति जागरूक है। उन्होंने कहा कि आज की प्रचलित परिस्थितियां पिछले दो दशकों से भिन्न है और इस युग में प्रतिस्पर्धा का बहुत अधिक महत्त्व है। प्रतिस्पर्धा गुणात्मक परिवर्तन लाती है। प्रधानमंत्री ने सिविल सेवकों से आह्वान किया कि प्रत्येक निर्णय वे राष्ट्रहित को ध्यान में रखकर ही ले। उन्होंने अधिकारियों द्वारा किए जाने वाले नवाचारों की प्रशंसा की और इसके माध्यम से बदलते भारत के निर्माण में सहयोग का आह्वान किया। समारोह में उत्तर पूर्वी क्षेत्रों के विकास, प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष मामलों के केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. जितेंद्र सिंह के साथ ही प्रधानमंत्री के प्रमुख सचिव श्री नृपेन्द्र मिश्र, अतिरिक्त प्रमुख सचिव डॉ. पी.के.मिश्रा, प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग के सचिव श्री सी विश्वनाथ भी मौजूद थे।
-नज़ीर बना अंधेरे को जीतने का जज्बा
मूल रूप से यह सम्मान जिला प्रशासन की पहल पर जनजाति महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में सोलर लेंप निर्माण की परियोजना को सफलतापूर्वक संचालित करने के किए जा रहे प्रयास के लिए दिया गया। जनजाति महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की इस परियोजना में जिला प्रशासन की पहल पर राजीविका व मुंबई आईआईटी के सहयोग से महिला समूहों द्वारा सोलर लेंप का निर्माण किया गया था और करीब 60 हजार लेंप का निर्माण कर इस अंचल के बिजली विहीन क्षेत्र में विद्यार्थियों और आमजन को रियायती दर पर उपलब्ध कराए गए थे। इस परियोजना की सफलता के बाद जिला प्रशासन के प्रोत्साहन पर डूंगरपुर जिला मुख्यालय पर ‘दुर्गा’ के नाम से सोलर माडयुल मेन्युफेक्चरिंग प्लांट स्थापित किया जा रहा है जिसमें स्थानीय स्तर पर ही जनजाति महिलाओं के स्वामित्व वाले सोलर लेंप के लिए जरूरत वाले पेनल का निर्माण भी किया जाएगा। यह प्लांट इन दिनों स्थापना के अंतिम चरणों में है और इसके शुरू हो जाने पर स्थानीय स्तर पर ही सोलर पेनल का निर्माण भी हो सकेगा।
-अचार, पापड़ और सिलाई मशीन को छोड़ बनी थी इंजीनियर

महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए अब तक अचार, पापड़ निर्माण के साथ ही सिलाई मशीन थमा कर काम पर लगाने के परंपरागत प्रयासों के मध्य जिला प्रशासन ने अनपढ़ आदिवासी महिलाओं के हाथों में सोलर लेंप असेंबल करने तथा इनको वोल्टोमीटर की सहायता से ठीक करने जैसा कार्य सौंपकर इस परियोजना को सफल बनाया है। अनपढ़ आदिवासी महिलाओं ने अपने हाथों में इलेक्ट्रोनिक उपकरण थाम पर बेयरफुट इंजीनियर जैसी भूमिका निभा कर इस परियोजना को सफल बनाया था। इसके साथ ही परियोजना महिलाओं केा आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में किया गया प्रयास है और पहाड़ी क्षेत्र व छितराई बस्ती होने के कारण जनजाति अंचल में बिजली की पहुंच कठिनाई  से होने के कारण इन सोलर लेंप के जरिये हर  घर तक रोशनी पहुंचाने का उद्देश्य भी पूरा हो रहा है। इसके अलावा इस परियोजना का पूरा-पूरा स्वामित्व जनजाति महिलाओं का है और स्थानीय  स्तर पर मेन्युफेक्चरिंग प्लांट के स्थापित होने के बाद इस परियोजना के लिए कच्चा माल भी स्थानीय स्तर पर तैयार होने तथा सोलर लेंप की मरम्मत जैसी जरूरतों को भी इसके जरिये ही पूरा किया जा सकेगा।

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