नई दिल्ली। जब से पेट्रोल-डीजल की कीमतों में दैनिक बदलाव की प्रणाली लागू हुई है तब से लेकर अब तक पेट्रोल में 6 रुपए और डीजल में 3 रूपए की बढोतरी हो गई है। लेकिन आम आदमी को इसका पता नहीं है कि सरकार कैसे जोर का झटका धीरे से दे रही है। इस पर भी पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेंद्र प्रधान कहते हैं कि पेट्रोल और डीजल पर अभी केंद्रीय उत्पाद शुल्क में कटौती का वक्त नहीं आया है। जब वक्त आएगा तक अपने आप शुल्क में कटौती कर दी जाएगी। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) में पेट्रोल और डीजल भी शामिल हो, इसके पक्षधर वह भी हैं। उल्लेखनीय है कि पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बीते 1 जुलाई से दैनिक बदलाव की प्रणाली लागू होने के बाद से अब तक पेट्रोल की कीमतों में 6 रुपये प्रति लीटर और डीजल में तीन रुपये प्रति लीटर से अधिक की बढ़ोतरी हो चुकी है।

प्रधान ने बुधवार को यहां डीजल और पेट्रोल मूल्य पर इंटीग्रेटेड रिसर्च एंड एक्शन फॉर डेवलपमेंट (इराडे) द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम के बाद संवाददाताओं से कहा कि डीजल या पेट्रोल पर केंद्रीय उत्पाद शुल्क में कटौती का अभी वक्त नहीं आया है। कब वक्त आएगा, इस सवाल पर उन्होंने कहा कि जब वक्त आएगा तो अपने आप दाम घट जाएगा। पेट्रोलियम मंत्रालय के तहत काम करने वाले पेट्रोलियम प्लानिंग एंड एनालिसिस सेल (पीपीएसी) के मुताबिक इस समय पेट्रोल पर प्रति लीटर बेसिक सेनवेट ड्यूटी के रूप में 8.48 रुपये, एडिशनल एक्साइज ड्यूटी के रूप में छह रुपये और स्पेशल एडीशनल एक्साइज ड्यूटी के रूप में 7 रुपये वसूले जाते हैं। मतलब कुल मिलाकर 21.48 रुपये का केंद्रीय उत्पाद शुल्क। इसी तरह डीजल पर प्रति लीटर 10.33 रुपये की बेसिक सेनवेट ड्यूटी, छह रुपया एडिशनल एक्साइज ड्यूटी और एक रुपया स्पेशल एडीशनल एक्साइज ड्यूूटी देय होता है। मतलब ग्राहकों को कुल मिला कर 17.33 रुपये का केंद्रीय उत्पाद शुल्क डीजल पर देना पड़ता है।

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