नई दिल्ली। सोविय रुस की युद्ध तैयारी और रुसी सरकार के बयानों से दुनिया में थर्ड वर्ल्ड वॉर का अंदेशा छाया हुआ है। अमरीका और नाटो देश एक बार फिर दहशत में दिखाई दे रहे हैं। इसकी वजह भी कई है। रूस ने सोवियत संघ टूटने के बाद से वीरान पड़े अपने सभी मिलिट्री बेस को फिर से खोलना शुरू कर दिया है। रूस ने दशकों से वीरान पड़े अपने कई मिलिट्री बेस पर आर्मी तैनात करनी शुरू कर दी है। इतना ही नहीं रूस इन सैन्य अड्डों पर अपनी अत्याधुनिक न्यूक्लियर मिसाइल भी तैनात कर रहा है। नाटो को डर है कि रूस इन अड्डों से वॉशिंगटन, कैलिफनिज़्या, साउथ दकोटा और अलास्का को अपने निशाने पर लेने की तैयारी में है। ये सभी सैकेण्ड वल्र्ड वॉर के वक्त के अहम् आर्मी बेस हुआ करते थे। हालांकि साल 1960 के बाद से ये बेस एकदम वीरान थे और भूतहा शहर में तब्दील हो गए थे। सोवियत यूनियन के टूटने के बाद अब भी रूस में ऐसे 15 मिलिट्री बेस मौजूद हैं, जिन्हें देश के ऑफि शियल नक्शे से दूर रखा जाता है। दुनिया में किसी भी देश के पास इन शहरों के नाम और लोकेशन की पुख्ता जानकारी नहीं है। सुरक्षा वजहों के चलते इन जगहों पर विदेशियों या मीडिया को भी जाने की इजाजत नहीं है।

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