जयपुर। राजस्थान के बहुचर्चित अजमेर गरीब नवाज दरगाह में बम-ब्लास्ट मामले में फैसला अब आठ मार्च को आएगा। मामले की सुनवाई कर रही सीबीआई की विशेष कोर्ट संख्या एक ने फैसले की तारीख आठ मार्च तक बढ़ा दी है। आज फैसले की तारीख तय की गई थी, लेकिन कोर्ट ने इसे 8 मार्च तक टाल दिया। दरगाह परिसर में 1 अक्टूबर, 2007 को बम धमाके में तीन लोगों की मौत हो गई थी और पन्द्रह से अधिक घायल हो गए थे। बम धमाकों के पीछे हिन्दुवादी संगठनों पर शक जाहिर करते हुए मामले में नौ जनों को गिरफ्तार किया। गिरफ्तार आरोपियों के संघ और उससे जुड़े संगठनों से नजदीकी संबंध बताए जाते हैं। मामले में 149 सरकारी गवाहों के बयान दर्ज हुए हैं। इसमें से 26 गवाह पक्षद्रोही हो गए।
– इन्हें पकड़ा
राजस्थान एटीएस ने मामले में अनुसंधान करते हुए हिन्दुवादी संगठन अभिनव भारत से जुड़े देवेन्द्र गुप्ता, लोकेश शर्मा, चन्द्रशेखर को सबसे पहले गिरफ्तार किया। उनके बयानों के आधार पर बम धमाकों में लिप्त असीमानंद, हर्षद सोलंकी, मुकेश बसानी, भरत मोहन लाल, भावेश अरविन्द पटेल, मेहूल की गिरफ्तारी की गई। बाद में मामले की जांच एनआईए को सुपुर्द कर दी गई। प्रकरण में 442 दस्तावेजी साक्ष्य पेश किए गए हैं। बचाव पक्ष की तरफ से 38 दस्तावेजी साक्ष्य पेश की गई।

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