जयपुर। पंजाब नेशनल बैंक से 2010 में फर्जी दस्तावेजों से 1.38 करोड रुपए के ऋण देने के मामले में सीबीआई मामलों की विशेष अदालत क्रम-1 में जज निर्मल सिंह मेडतवाल ने एक मुकदमें में बैंक की मालवीय नगर शाखा के तत्कालीन सीनियर मैनेजर राधेश्याम मर्दा और लाभार्थी मान्धातासिंह राठौड को तीन साल की जेल एवं मर्दा पर 13 हजार रुपए व राठौड पर 5 हजार रुपए के जुमार्ने की सजा से दण्डित किया है। इस मामले में मान्धातासिंह 15 जून, 2013 से निरन्तर सीबीआई एवं न्यायिक हिरासत में चल रहा है। सीबीआई नें मान्धातासिंह के खिलाफ तीन एवं राधेश्याम के खिलाफ चार मुकदमें दर्ज कर चालान पेश किये थे।
इस मामले के अनुसार 11 अक्टूबर, 2010 को श्री सिद्धी डेयरी के नाम से मान्धातासिंह ने मर्दा व अन्य से मिलभगत कर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर 58 लाख रुपए का ऋण लेकर एक भी किश्त की राशि जमा नहीं करवाई थी। मान्धातासिंह ने मां सिद्ध कंवर को गणपति डेयरी का प्रोपराईटर बना कर 2 नवम्बर, 2010 को 40 लाख रुपए का ऋण लिया था। अदालत इस मामले में इसी साल 27 अक्टूबर को राधेश्याम मर्दा, बैंक के तत्कालीन उप प्रबंधक लल्लूलाल मीणा, मान्धातासिंह एवं सिद्ध कंवर को 3 साल जेल की सजा सुना चुकी है। मान्धातासिंह ने बहिन दुर्गा कंवर को मां दुर्गा डेयरी का प्रोपराईटर बना कर 28 अक्टूबर, 2010 को 40 लाख रुपए का ऋण लिया था। यह मामला अभी कोर्ट में लंबित हैं।