जयपुर। राज्य सरकार ने राजकीय कार्यालयों में भ्रष्टाचार समाप्त करने एवं प्रशासन में पारदर्शिता लाने के लिए मुख्य सतर्कता आयुक्त प्रणाली को अधिक मजबूत करने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इसके लिए राज्य के मुख्य सतर्कता आयुक्त प्रकोष्ठ में नए पदों के सृजन एवं सेवाओं को स्वीकृति दे दी है।
गहलोत ने इस क्रम में गृह विभाग के प्रस्ताव का अनुमोदन कर 5 नवीन पद सृजित करने तथा 2 अन्य पदों पर कार्मिकों के रूप में होमगार्ड की सेवाएं लेने को मंजूरी दी है। प्रस्ताव के अनुसार, मुख्य सतर्कता आयुक्त प्रकोष्ठ में कार्य की आवश्यकता के दृष्टिगत सहायक विधि परामर्शी, लेखाधिकारी, निजी सहायक, सूचना सहायक एवं लिपिक ग्रेड-1 के एक-एक पद का सृजन किया जाएगा। साथ ही, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के लिए दो पदों पर होमगार्ड की सेवाएं ली जाएंगी।
गौरतलब है कि राजकीय कार्यालयों में भ्रष्टाचार समाप्त करने एवं प्रशासन में पारदर्शिता लाने, सूचना के अधिकार अधिनियम सहित अन्य नियमों की पालना सुनिश्चित करने तथा नियमों के क्रियान्वयन में शिथिलता बरतने वाले अधिकारियों एवं कार्मिकों के विरूद्ध कठोर अनुशासनात्मक कार्यवाही करने के उद्देश्य से मुख्य सतर्कता आयुक्त प्रणाली का गठन किया गया है। प्रमुख शासन सचिव गृह पदेन मुख्य सतर्कता आयुक्त हैं। विभिन्न विभागों में मुख्य सतर्कता अधिकारियों की नियुक्ति के साथ-साथ उनके कर्तव्यों के बारे में मार्गदर्शन, समन्वय, निगरानी एवं समीक्षा की जिम्मेदारी मुख्य सतर्कता आयुक्त की है।
मुख्य सतर्कता आयुक्त प्रणाली को प्रभावी रूप से गतिशील करने के क्रम में वर्तमान में गृह विभाग में संचालित मुख्य सतर्कता आयुक्त प्रकोष्ठ के सुदृढ़ीकरण एवं इसके कायोर्ं की आवश्यकता के अनुरूप नए पदों को सृजन किया गया है। इस निर्णय से प्रशासन में भ्रष्टाचार रहित, पारदर्शी एवं ईमानदार व्यवस्था स्थापित करने तथा नियमों के क्रियान्वयन में शिथिलता बरतने वाले कार्मिकों के खिलाफ त्वरित एवं प्रभावी कार्यवाही करने में मदद मिलेगी।

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