जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में प्रदेश निरन्तर आगे बढ़ रहा है। हमारी सरकार ने उच्च शिक्षा के क्षेत्र में प्रदेश को ऊंचाई पर ले जाने की दिशा में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं। बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए हमारी सरकार ने जिन राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालयों में 12वीं कक्षा में 500 से अधिक छात्राएं अध्ययनरत हैं, उन्हें बालिका महाविद्यालय में क्रमोन्नत करने की बजट में घोषणा की है। इससे बालिकाओं को घर के नजदीक कॉलेज की सुविधा मिलेगी और उच्च शिक्षा में उनका नामांकन बढ़ेगा।
गहलोत बुधवार को मुख्यमंत्री निवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से नवनिर्मित महाविद्यालय भवनों के लोकार्पण समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने करीब 45 करोड़ की लागत से नवनिर्मित 11 महाविद्यालय भवनों का लोकार्पण एवं करीब 12 करोड़ 67 लाख की लागत के दो महाविद्यालय भवनों का शिलान्यास वर्चुअल माध्यम से किया। उन्होंने कहा कि हमने प्रदेश में 123 नए कॉलेज खोलने की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि जिन कस्बों अथवा गांव की आबादी 5 हजार से अधिक है, वहां अंग्रेजी माध्यम के सरकारी स्कूल खोले जाएंगे। इन स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे भी अब निजी स्कूलों के बच्चों से प्रतिस्पर्धा कर पाएंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि देश के प्रथम प्रधानमंत्री स्व. पं. जवाहर लाल नेहरू ने आज़ाद भारत को अपने पैरों पर खड़ा करने और देश के नवनिर्माण एवं विकास का सपना पूरा करने के लिए दूर दृष्टि के साथ फैसले किए। उन्होंने एम्स, आईआईटी, इसरो, भाभा ऑटोमिक रिसर्च सेन्टर जैसे प्रतिष्ठित संस्थान स्थापित किए। आज देश में कई प्रतिष्ठित उच्च शिक्षा संस्थानों का जाल बिछ गया है। प्रदेश में भी कई विश्वस्तरीय संस्थान स्थापित हुए हैं। जोधपुर में एम्स, आईआईटी, लॉ यूनिवर्सिटी, उदयपुर में आईआईएम तथा कोटा में ट्रिपल आईटी खुलने से हमारे युवाआें को उच्च शिक्षा के लिए अब बाहर नहीं जाना पड़ता है। उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने देश को 21वीं सदी मेंं ले जाने से पहले कम्प्यूटर क्रांति की शुरूआत की थी। संविधान संशोधन के माध्यम से उन्होंने निचले स्तर तक महिलाओं का प्रतिनिधित्व भी बढ़ाया।
गहलोत ने कहा कि पहले प्रदेश शिक्षा में खास तौर पर महिला शिक्षा के क्षेत्र में काफी पीछे था। आज राजस्थान सभी क्षेत्रों में प्रगति के पथ पर अग्रसर है। यहां शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य हो रहे हैं। प्रदेश के 30 जिलों में मेडिकल कॉलेज स्वीकृत हो चुके हैं और इनमें से कई मेडिकल कॉलेजों में कोर्स शुरू हो चुके हैं। मेडिकल कॉलेज खुलने से जिला स्तर पर विशेषज्ञ चिकित्सकों की सुविधाएं आमजन को मिलेंगी और यहां से निकले चिकित्सक सीएचसी-पीएचसी तक उपलब्ध होंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार की अनुप्रति योजना के तहत छात्र-छात्राओं को कोचिंग के लिए 75 हजार रूपए तक प्रतिवर्ष मिलेंगे। इससे गरीब बच्चों को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में मदद मिलेगी।
उच्च शिक्षा राज्यमंत्री भंवर सिंह भाटी ने कहा कि वर्ष 2018 तक प्रदेश में 230 महाविद्यालय थे। हमारी सरकार बनने के बाद 123 नये महाविद्यालय खोले गए हैं। उन्होंने कहा कि इस बजट में घोषित 35 महाविद्यालयाें में पढ़ाई इसी शैक्षणिक सत्र से शुरू करने की दिशा में तेजी से प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि 17 स्नातक स्तर के कॉलेजों को स्नातकोत्तर में क्रमोन्नत किया गया है। 20 महाविद्यालयों में 27 नवीन संकाय खोले गए हैं, 14 स्नातक स्तर के महाविद्यालयों में 25 नये विषय तथा 25 स्नातकोत्तर स्तर के महाविद्यालयों में 33 नये विषय शुरू किए गए हैं। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों की मांग को देखते हुए राजीव गांधी ई-कन्टेन्ट बैंक की स्थापना की गई है। जिसमें वीडियो एवं पीडीएफ फॉरमेट में नोट्स उपलब्ध है। ऑनलाइन लर्निंग को बढ़ावा देते हुए ज्ञानदूत एवं ज्ञानसुधा जैसे कार्यक्रम शुरू किए गए हैं।

LEAVE A REPLY