bhaajapa ne karmachaariyon par julm kiya, ham karegen samasyaon ka samaadhaan: khaachariyaavaas

जयपुर। राजस्थान कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता एवं जयपुर जिलाध्यक्ष प्रतापसिंह खाचरियावास ने आज अपने निवास स्थान पर उनसे मिलने आये सैकडों मेटल मजदूरों को आष्वस्त किया कि यदि भाजपा सरकार ने भूख और बेरोजगारी से परेषान होकर मर रहे मेटल मजदूरों को तुरन्त प्रभाव से आर्थिक सहायता उपलब्ध कराकर मेटल मजदूरों की समस्याओं का समाधान नहीं किया तो कांग्रेस पार्टी सडकों पर उतरेगी और मजदूरों के साथ आंदोलन करेगी।
आज बंद पड़ी मेटल फैक्ट्री के मजदूर बडी तादाद में सुबह 10 बजे मजदूर नेता तेजराम मीणा के साथ सिविल लाईन्स स्थित खाचरियावास हाउस पहुंचे और खाचरियावास को अपनी पीडा बताते हुये कहा कि 2007 में प्रदेष की सबसे बडी बिजली के मीटर बनाने वाली फैक्ट्री के मजदूरों के हितों को उस वक्त की तत्कालीन वसुंधरा सरकार ने जीनस फैक्ट्री के साथ समझौता करके मजदूरों को उनका हक दिलाने का वादा किया था लेकिन उसके बाद लगातार मजदूरांे के साथ धोखा हुआ। 2007 में जिस वसुंधरा सरकार ने जीनस फैक्ट्री से समझौता किया था, आज वही सरकार सत्ता में है लेकिन मेटल फैक्ट्री के मजदूरों को तिल-तिल कर मरने केे लिये मजबूर होना पड़ रहा है। सरकार ने ना तो समझौता लागू करवाया और ना ही फैक्ट्री के मजदूरों को आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई। इस पर खाचरियावास ने कहा कि राज्य की भाजपा सरकार पूरे प्रदेष में मजदूर के हितों के साथ खिलवाड कर रही है। आज भी प्रदेष में मजदूर दर-दर की ठोकरें खा रहे है। प्रदेष में अनेक फैक्ट्रीयां और विभाग ऐसे हैं जिनको राज्य की भाजपा सरकार ने बंद करके मजदूरों को दर-दर की ठोकरे खाने को मजबूर कर दिया है। भाजपा सरकार की जिम्मेदारी बनती है कि मेटल फैक्ट्री के मजदूरों और उनके परिवारों को भूख से मरने से बचाने के लिये तुरन्त प्रभाव से आर्थिक सहायता उपलब्ध कराये तथा मेटल फैक्ट्री में 60 प्रतिषत हिस्सेदारी रखने वाले मजदूरों को तुरन्त प्रभाव से सरकारी सहायता उपलब्ध कराकर मेटल फैक्ट्री की बेषकीमती जमीन को ओपन नीलामी में बेचकर उससे मिलने वाली राषि में से 60 प्रतिषत राषि मौके पर ही मजदूरों में बांट दी जाये तो मजदूरों को बचाया जा सकता है। लेकिन राज्य की भाजपा सरकार की नीयत खराब है इसलिये 2007 में सरकार ने भ्रष्ट तरीके से जीनस के साथ जो समझौता किया वो लागू नहीं हुआ और इस मामले को इतना उलझा दिया कि आज तक मेटल फैक्ट्री के मजदूर दर-दर की ठोकरे खा रहे हैं।

LEAVE A REPLY