जयपुर। गृह निर्माण सहकारी समितियों में फर्जीवाड़े के मामले में राजस्थान हाईकोर्ट में न्यायाधीश बनवारीलाल शर्मा की एकलपीठ के समक्ष सरकार की ओर से आश्वासन दिया गया है कि प्रदेश में काम कर रही गृह निर्माण सहकारी समितियों की जांच कर पता लगाया जाएगा कि उनके वास्तविक पदाधिकारियों के नाम पर कोई अन्य तो काम नहीं कर रहा है।
साथ ही प्रमुख सहकारिता सचिव के जरिए इन सोसायटीज् की समस्त जानकारी रजिस्ट्रार ऑफ सोसायटीज् को दिलवाई जाएगी। मामले में अगली सुनवाई 6 सप्ताह बाद होगी।
स्वप्रेरित प्रसंज्ञान पर हुई सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट को बताया गया कि इनमें मुख्य समस्या उनके पदाधिकारियों के फर्जीवाडे की है। इन समितियों के पदाधिकारी केवल दिखावटी हैं। असली लोग पर्दे के पीछे रह कर दूसरे लोगों के जरिये काम कर रहे हैं। इनकी ओर से बताए गए ऑफिसों के पते भी फर्जी हैं। जिससे संपर्क भी नहीं हो पाता है।