Gangster Anandpal Singh's encounter case: CBI
Gangster Anandpal Singh's encounter case: CBI

– राजस्थान हाईकोर्ट में सीबीआई का लिखित जवाब, एनकाउंटर मामले की नहीं करेंगे जांच, हाईकोर्ट ने आनन्दपाल की पत्नी राजकंवर की याचिका निस्तारित की,राजपूत समाज के आंदोलन को झटका, नहीं मानी गई उनकी मांग
जयपुर। राजस्थान के बहुचर्चित गैंगस्टर आनन्दपाल एनकाउंटर मामले में एसओजी को बुधवार बड़ी राहत मिली है। सीबीआई ने इस मामले में जांच से इंकार कर दिया है। इस बारे में राजस्थान हाईकोर्ट जोधपुर पीठ में लिखित जवाब भी दिया है। जवाब में सीबीआई ने कहा कि आनन्दपाल एनकाउंटर मामले की जांच के लिए राज्य सरकार ने पत्र भेजा था, लेकिन यह मामला सीबीआई जांच के लिए योग्य नहीं है। इसलिए इसमें अनुसंधान से इंकार कर दिया है। सीबीआई ने यह जवाब बुधवार को आनन्दपाल की पत्नी राज कंवर की याचिका की सुनवाई के दौरान कोर्ट में पेश किए। याचिका में राज कंवर ने पति आनन्दपाल के एनकाउंटर मामले की सीबीआई जांच की गुहार की थी। दोनों पक्षों की सुनवाई और सीबीआई के जवाब के बाद हाईकोर्ट ने राजकंवर की याचिका को निस्तारित करते हुए कहा कि वह सीबीआई जांच के लिए दुबारा जिला एवं सेंशन कोर्ट चूरू के समक्ष गुहार कर सकती हैं।

न्यायाधीश संदीप मेहता की एकलपीठ में दायर याचिका में सीबीआई के स्पेशल पीपी सचिन आचार्य ने जवाब दिया है कि आनन्दपाल एनकाउंटर मामले में राज्य सरकार की ओर से दो पुलिस प्राथमिकी भिजवाई है। दोनों प्राथमिकी में सीबीआई ने कहा कि ये मामले अनुसंधान योग्य नहीं है। राज कंवर ने याचिका में कहा कि वह पुलिस अनुसंधान से संतुष्ठ नहीं है। इसलिए हाईकोर्ट अपने स्तर पर जांच के आदेश दे। राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता शिवकुमार व्यास ने इसका विरोध करते हुए कहा कि आनन्दपाल एनकाउंटर मामले में पुलिस और एसओजी निष्पक्ष अनुसंधान किया है। इसमें किसी भी तरह की कोताही नहीं बरती है। इस पर कोर्ट ने याचिका को निस्तारित करते हुए सीबीआई जांच से इंकार कर दिया। सीबीआई के जवाब से एसओजी और राज्य सरकार को बड़ी राहत मिली है। इस मामले में राजपूत समाज काफी आंदोलित रहा है। मामले की सीबीआई जांच को लेकर राजपूत समाज ने कई दिनों तक आंदोलन चलाया और आनन्दपाल के शव की अंत्येष्टि नहीं होने दी थी।

बाद में पुलिस पहरे में आनन्दपाल का कई दिनों बाद अंतिम संस्कार किया गया। हालांकि इसके बाद राजपूत समाज का गुस्सा ज्यादा भड़ गया। प्रदेश भर में आंदोलन होने लगा। राज्य सरकार को सीबीआई जांच के आदेश देने पड़े। जबकि गृहमंत्री गुलाब चंद कटारिया सीबीआई जांच के पक्ष में नहीं थे। अब हाईकोर्ट में सीबीआई के जवाब से स्पष्ट हो गया है कि सरकार की अनुशंषा के बाद भी सीबीआई ने इस मामले को सीबीआई जांच के योग्य मानने से इंकार कर दिया है। सीबीआई के इस जवाब के बाद प्रदेश में राजपूत समाज फिर से आंंदोलित हो सकता है।

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