राजस्थान में कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी संभालने वाले पुलिसकर्मियों की जान सांसत पर है। आए दिन पुलिसकर्मियों पर हमले के मामले सामने आ रहे हैं। झगड़े की सूचना पर पुलिस बीच-बचाव के लिए जाते हैं तो झगड़े पर उतारु लोग उन्हीं पर हमला करने से नहीं चूक रहे हैं। कोर्ट के आदेश पर किसी का गिरफ्तारी या जमानती वारंट तामील करवाने गए पुलिस जवानों पर लोगों ने जानलेवा हमले किए हैं। भरतपुर, दौसा, करौली में कई मामले सामने आ चुके हैं। अपराधियों को गिरफ्तारी के दौरान संगठित गिरोह के लोग जानलेवा हमले करने से नहीं चूकते। वाहनों में तोडफ़ोड़ तक कर देते हैं। इसके अलावा यातायात व्यवस्था संभालने वाले पुलिसकर्मियों पर लोग वाहन चढ़ाने से बाज नहीं आ रहे हैं। बुधवार देर रात को एक कार ड्राइवर ने जयपुर में दो पुलिसकर्मियों को कार से उड़ा दिया। दोनों पुलिसकर्मी बेरिकेडस के पास खड़े थे। वे किसी वाहन को रोक भी नहीं रहे थे। अचानक एक तेज रफ्तार से आई कार ने इतनी तेज टक्कर मारी कि दोनों पुलिस जवान दूर तक जा गिरे। उन्हें गंभीर चोटें आई हैं। इसी तरह जयपुर के रामबाग चौराहे पर सिग्नल लाइट क्रास करने पर एक यातायात कर्मी ने कार रोकनी चाहिए तो उस पर चालक ने कार चढ़ाने का प्रयास कर दिया। काफी हंगामा किया, जिससे यातायात बाधित रहा। इस तरह के मामले भी खूब सामने आ रहे हैं। कुल मिलाकर आमजन की सुरक्षा और कानून व्यवस्था में लगे हुए पुलिसकर्मियों पर जानबूझकर किए जा रहे हमले गंभीर और चिंताजनक बात है। इसी तरह से अपराधी बेखोफ होकर पुलिसकर्मियों पर हमले करते रहे तो पुलिस का इकबाल खत्म होगा। वहीं इनके होंसले बुलंद होंगे। ऐसे हालात में सरकार और पुलिस को चाहिए कि कानून तोडऩे वाले और ड्यूटी के दौरान पुलिसकर्मियों पर हमले करने वाले अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही अमल में लाई जाए। तभी अपराधियों में भय कायम होगा। साथ ही गिरफ्तारी वारंट तामील करवाने वाले और अपराधियों की गिरफ्तारी के वक्त यह लगता है कि अपराधी हमला कर सकते हैं तो पूरे दल बल के साथ अपराधियों की गिरफ्तारी की जानी चाहिए। पुलिसकर्मियों को पर्याप्त सुरक्षा इंतजाम मिलने चाहिए। इससे जवानों में भी हौंसला मजबूत होगा। किसी हमले में घायल जवानों व कर्मियों को सरकारी स्तर पर सम्पूर्ण ईलाज की व्यवस्था और सामाजिक सुरक्षा के इंतजाम किए जाने चाहिए। नाकाबंदी के दौरान काफी दुर्घटना सामने आ रही है। ऐसे में विदेशों की तर्ज पर नाकाबंदी के दौरान वाहनों को रोकने के लिए अत्याधुनिक उपकरण खरीदकर लगाने चाहिए। जिससे तेज रफ्तार से आने वाले वाहनों को रोका जा सके। बेरिकेडस को तोड़कर वाहन चालक फरार हो जाते हैं। इससे पुलिसकर्मी घायल भी होते रहते हैं और कुछ जवान मौत के शिकार भी हो चुके हैं। इसलिए नाकेबंदी की व्यवस्था में सुधार आवश्यक है। अपराधियों में भय और कानून की पालना जरुरी है। इसके लिए पुलिस कर्मियों को पर्याप्त अधिकारों के साथ सुरक्षा इंतजामों के साथ लैस रखना भी जरुरी है। तभी हमारे जवान सुरक्षित माहौल में कानून व्यवस्था को संभाल पाएंगे।

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