चंडीगढ़। ब्लू व्हेल गेम ने किस कदर तांडव मचाया हुआ है यह तो सब ही जानते हैं लेकिन यह खेल अब भी कई बच्चों द्वारा खेला जा रहा है बच्चों के माता-पिता को चाहिए की वे अपने बच्चे की हर गतिविधि पर नजर रखें नहीं तो उन्हें मुुसीबत का सामना करना पड़ सकता है। यह डिजिटल युग है यहां कब क्या होता है कुछ पता नहीं इसका वास्तविक जीवन से कोई सरोकार नहीं है। मगर फिर भी यह डिजिटल दुनियां हमारे निजी जीवन में इतना दखल दे जाती है कि हमें पछतावे के अलावा कुछ नहीं मिलता। इस कड़ी में राजस्थान के जोधपुर के बाद पंजाब के पठानकोट में भी एक मामला सामने आया है। यहां प्राइमरी स्कूल में पढ़ने वाले एक बच्चे को खुदकुशी से पहले बचा लिया गया।

जानकारी के मुताबिक, मंगलवार को पठानकोट के आर्मी स्कूल में पढ़ने वाले एक छात्र ने ब्लू व्हेल चैलेंज का टॉस्क पूरा करने के लिए पंखे से लटककर खुदकुशी करने की कोशिश की. वह पूरी घटना का वीडियो भी बना रहा था, लेकिन इसी बीच उसके घर का एक सदस्य आ गया। उसने उसकी हरकत देखी और तुरंत नीचे उतारा। इस तरह उसकी जान बचाई गई। बताया जा रहा है कि इससे पहले भी उस छात्र ने जान देने की कोशिश की थी। उसने अपने घर के छत से नीचे छलांग लगा ली थी। उसकी जान तो नहीं गई, लेकिन पैर जरूर फ्रैक्चर हो गया। घरवालों ने पूछा तो उसने बताया कि चोट लग गई है। इतना ही नहीं उसे अपने हाथ पर ब्लू व्हेल की तस्वीर भी बनाई हुई है। पुलिस इस मामले की जांच कर रही है।

पठानकोट की ही तरह जोधपुर के मंडोर इलाके में रहने वाले एक लड़की (17) ब्लू व्हेल गेम खेल रही थी। उसने इसकी सारी स्टेज पार कर ली। सोमवार की रात उसे लास्ट टास्क के रूप में पहाड़ी से कूदकर खुदकुशी करनी थी। इसके लिए उसने रात करीब 11 बजे पहाड़ी से झील में छलांग लगा दिया। लेकिन किस्मत कहिए लोगों ने उसे बाहर निकाल लिया। जोधरपुर की तरह पुडुचेरी में भी जानलेवा बन चुके खूनी खेल ब्लू व्हेल चैलेंज का अंतिम चरण पूरा करने वाली एक लड़की को समय रहते पुलिस ने बचा लिया। पुडुचेरी के उप्पलम में रहने वाली प्रिया (21) एक नेशनल बैंक में काम करती है। बीते रविवार जान देने के लिए वह बीच पर गई, लेकिन उसके दोस्तों खतरे को भांप लिया और पुलिस को सूचित कर दिया।

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