नई दिल्ली । हमारे देश में बाल विवाह को गैरकानूनी माना जाता है लेकिन अगर विवाह हो भी जाए तो फिर नाबालिग पत्नी के साथ शारीरिक संबंध बनाना बलात्कार माना जाए या नहीं इस पर भी लंबी बहस चल रही है। यह मामला सुप्रीम कोर्ट में भी चल रहा है जहां कोर्ट ने नाबालिग से विवाह और उससे शारीरिक संबंध बनाना रेप है या नहीं, इस पर सुनवाई पूरी की। सुनवाई के बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर कर नाबालिग से विवाह और शारीरिक संबंध बनाने को रेप की श्रेणी में लाने की मांग की गई थी। जिस पर कोर्ट में सुनवाई हुई। अब कोर्ट को ये तय करना है कि 15 से 18 साल की पत्नी से संबंध बनाना रेप है या नहीं। इस मामले में कानून के प्रावधानों में एक अपवाद कहता है कि अगर कोई 15 से 18 साल के बीच उम्र की पत्नी से संबंध बनाता है तो उसे रेप नहीं माना जाएगा। केंद्र सरकार ने कोर्ट मे कानून की तरफदारी करते हुए कहा कि संसद ने सामाजिक परिस्थितियों को देखते हुए इस कानून को नहीं छेड़ा है। सरकार ने पक्ष रखा है कि कोर्ट इसमें दखल न दे, ये काम संसद का है और उसी पर छोड़ा जाना चाहिए।

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