Padmavati

नयी दिल्ली। संजय लीला भंसाली की फिल्म ह्यपद्मावतीह्ण पर उठे विवाद के बीच अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा ने आरोप लगाया है कि इस फिल्म में राजपूतों के इतिहास को तोड़ मरोड़कर पेश करके छवि धूमिल करने का प्रयास किया गया है, ऐसे में भारत सरकार को पद्मावती फिल्म के प्रदर्शन पर रोक लगानी चाहिए । अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के अध्यक्ष एवं सांसद डा. संजय सिंह ने अपने बयान में कहा कि रानी पद्मावती मेवाड़ के राजघराने की महान भारतीय रानी रही हैं जिनके साहस और बलिदान की गौरव गाथा इतिहास में अमर है। रानी ने जौहर को स्वीकार करके अपने प्राणों की आहुती दे दी ।

भारत के इतिहास में उनके बलिदान का वर्णन है। सेना की 9वीं ग्रेनेडियर्स इस दिन को मनाती है। उन्होंने कहा कि ऐसे महान त्याग और बलिदान के साथ व्यवसायिक कारणों से छेड़छाड़ की जा रही है और यह तर्क दिया जा रहा है कि हमें अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का सम्मान करना चाहिए और कलाकारों की आजादी का सम्मान करना चाहिए । सिंह ने कहा कि पूरी फिल्म बनाने के दौरान न तो मेवाड़ राज परिवार से किसी प्रकार का परामर्श किया गया और न ही उनकी सहमति ली गई । फिल्म में एक गाने में रानी पद्मावती को घूमर नृत्य करते दिखाया गया है जो उनकी गरिमा के खिलाफ है। महासभा का कहना है कि इस फिल्म में राजपूतों के इतिहास को तोड़ मरोड़कर पेश करके छवि धूमिल करने का प्रयास किया गया है, ऐसे में भारत सरकार को पद्मावती फिल्म के प्रदर्शन पर रोक लगानी चाहिए । अगर समुदाय की भावनाओं का ख्याल नहीं रखा गया तो यह विरोध प्रदर्शन आंदोलन का रूप ले सकता है।

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