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नयी दिल्ली : सीबीआई ने ठाणे में मौके की जमीन के हस्तांतरण में कथित भ्रष्टाचार के संबंध में दो प्राथमिकी दर्ज कीं। इस भूखंड को 1925 में गिरवी रखा गया था। यह मामला राजाओं और रजवाड़ों के दिनों से जुड़ता है। अधिकारियों ने कहा कि एक पीएसयू तथा मध्य प्रदेश सरकार के वित्त विभाग के अधिकारियों द्वारा बिल्डरों को भूमि हस्तांतरण से जुड़े इस मामले में प्राथमिकी कल दायर की गईं। गिरवी रखने का करारनामा 92 साल पुराना तीन सितंबर 1925 का है जबकि 314 एकड़ जमीन के हस्तांतरण में धोखाधड़ी कथित रूप से 1968 में हुई।

प्राथमिकी में आरोप लगाया गया कि यह जमीन एक समय ग्वालियर राजघराने तथा इसके बाद गिरवी के रूप में केन्द्र सरकार के कब्जे में थी। वर्ष 1968 में पीएसयू भविष्य निवेश कंपनी लिमिटेड, मध्य प्रदेश सरकार के वित्त विभाग और ठाणे नगर निगम के अधिकारियों की सांठगांठ से गड़बड़ी हुई। अधिकारियों ने राज्य और केन्द्र सरकार की जानकारी के बगैर यह जमीन निजी बिल्डरों को दे दी। एजेंसी ने तीनों संस्थाओं के अज्ञात अधिकारियों और अज्ञात बिल्डरों के खिलाफ आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया।

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