नई दिल्ली। फ्रांस निवासी नौकरशाह व मध्यमवर्गीय इमैनुएल मैक्रों ने देश के राष्ट्रपति पद को लेकर हुए चुनाव में नया इतिहास रच दिया। किस्मत के धनी मैक्रों ने इस चुनाव न केवल जीत हासिल की वरन वे देश के सबसे युवा राष्ट्रपति भी बनने वाले हैं। मैक्रों ने अपने करियर की शुरुआत एक बेहद साधारण से नौकरशाह के तौर पर की। बाद उन्होंने इंवेस्टमेंट बैंकर के तौर पर हाथ आजमाया। 21 दिंसबर 1977 को फ्रांस के एमियेन्ज में जन्में मैक्रों के पिता ज्यां-मिशेल मैक्रों न्यूरोलॉजी के प्रोफेसर तो मां फ्रांस्वा नोगेस फिजिशियन हैं। एन मार्श नाम से राजनीतिक पार्टी का गठन करने वाले इस 39 वर्षीय युवा ने पहली बार चुनाव लड़ा और पहली बारी में ही चुनाव जीतकर सर्वोच्च पद पर आसीन हो गए। न उनके पास परम्परागत पार्टी का समर्थन था न ही मतदाताओं का आधार यहां तक की आलोचकों ने उन्हें नौसिखिया करार दिया था। फ्रांस के मौजूदा राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद के नेतृत्व में वे दो वर्ष तक इकोनॉमी व इंडस्ट्री मंत्री रहे। मैक्रों को ईयू का कट्टर समर्थक माना जाता है। वे फ्रांस को ईयू से जोड़े रखना चाहते हैं। वे स्वयं एक प्रगतिशील विचारधारा के शख्स हैं। वहीं आर्थिक तौर पर उदार, कारोबार समर्थक होने के साथ ही वामपंथी विचारधारा से प्रेरित हंै। चुनाव प्रचार के दौरान बेरोजगारी प्राथमिक मुद्दा रही। देश की अर्थव्यवस्था में जान फूंकने के लिए कारोबार बढ़ाने के लिए कई योजनाएं मैक्रों ने पेश की तो आंतकवाद के खिलाफ जंग को लेकर दृढ़ नजर आए। शिक्षकों के लिए बेहतर पैमेंट के पक्षधर हैं। हालांकि उनकी पत्नी ब्रिजिट ट्रॉगनेक्स शिक्षिका रहने के साथ ही आयु में उनसे 24 साल बड़ी है। मैक्रों के प्रचार में ब्रिजिट की भूमिका अहम रही। यही वजह रही कि चुनावी घोषणा पत्र में शिक्षा को शीर्र्ष पर रखा गया। मैक्रों ने विदेश नीति के मामले में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ बातचीत पर प्रतिबद्धता जताई। मैक्रों नौकरशाह होने से पहले पब्लिक अफेयर विषय में साइंसेज पो यूनिवर्सिटी से मास्टरर्स डिग्री प्राप्त की। मैक्रों हालांकि राजनीति में नहीं जाना चाहते थे। इसीलिए रोथशिल्ड बैंक में काम करने लगे। बाद में वे 2006 में सोशलिस्ट पार्टी के सदस्य बने। 2012 से 2014 तक राष्ट्रपति ओलांद के सलाहकार के पद पर रहे। ओलांद सरकार में वित्त मंत्री बने। एक निर्दलीय नेता के तौर पर उन्होंने खुद को वर्ष 2015 में पेश किया और अगस्त 2016 में सरकार से इस्तीफा दे दिया। इसके तुरंत बाद एन मार्शे! नाम से नई पार्टी का गठन किया।

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