नई दिल्ली। भाजपा मार्गदर्शक मंडल के सदस्य व पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी को आज भी सिंध की गलियां रह-रहकर याद आती है। तभी उन्होंने दिल्ली में इंडिया फाउंडेशन के कार्यक्रम के दौरान सिंध में बिताए उन यादगार लम्हों में खो गए तो बातों ही बातों में पाक से संबंध सुधारने की वकालत भी की। अपने जन्म स्थली सिंध प्रदेश के पाकिस्तान में चले जाने पर दु:ख बयां करते हुए कहा कि सिंध के बिना हिंद अधूरा है। उन्होंने कहा कि जहां मेरा जन्म हुआ, आजादी के बाद वो ही भारत से अलग हो गया। मैं उन दिनों में सिंध स्थित आएसएस में काफी सक्रिय तौर पर जुड़ा हुआ था। इससे पहले भी आडवाणी सिंध के बिना हिंद को अधूरा बता चुके हैं। आडवाणी ने अपना सबसे पंसदीदा शहर कराची को बताया और कहा कि एशिया में कई देश हैं। जिनके साथ संबंध सहज हो जाएं तो मुझे बेहद खुशी होगी। कार्यक्रम के दौरान बांग्लादेश पीएम शेख हसीना ने भी शिरकत की। पीएम हसीना ने 1971 के युद्ध में भारत से मिले समर्थन को याद करते हुए कहा कि भारत की सरकार व यहां के लोगों ने बांग्लादेश को भरपूर समर्थन दिया। भारत की सुरक्षा चिंताओं को लेकर बांग्लादेश ने भी हमेशा विचार किया है। यही वजह है कि दोनों देशों के बीच आज विश्वास कायम है।

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