जयपुर। कोटा के दशहरा मैदान में 1986 में तेजाब डालकर युवक की हत्या करने के मामले में राजस्थान हाईकोर्ट में न्यायाधीश मोहम्मद रफीक और न्यायाधीश गोवर्धन बाढ़दार की खंडपीठ ने अभियुक्त रफीक को मिली उम्र कैद की सजा पर 3० साल पहले लगाई गई रोक को हटाते हुए अपील को खारिज कर दिया है।

मामले के अनुसार 16 अप्रैल, 1986 को दशहरा मैदान में एक पुस्तक पढ़ रहे मोहम्मद रफीक पर अभियुक्त रफीक ने तेजाब डाल दिया था। घटना के 5 दिन बाद 21 अप्रैल उसकी मौत हो गई थी। बाद में रफीक को ट्रायल कोर्ट ने 3० जून 1988 को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। जिसे हाईकोर्ट में चुनौती दी गई। हाईकोर्ट ने 2० नवंबर, 1988 को अपील स्वीकार कर सजा को स्थगित कर दिया था।

LEAVE A REPLY