नयी दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने आज कहा कि यह जरुरी है कि राष्ट्रीय राजधानी में सभी थानों एवं अपराध संभावित क्षेत्रों में सीसीटीवी कैमरे हों। न्यायमूर्ति एस रवींद्र भट और न्यायमूर्ति संजीव सचदेवा की पीठ ने दिल्ली पुलिस और आप सरकार को क्रमश: थानों एवं सार्वजनिक स्थानों पर कैमरे लगाने का निर्देश दिया। अदालत ने पुलिस और दिल्ली सरकार को 16 नवंबर तक अपना अपना हलफनामा दायर कर कैमरे लगाने की समय सीमा बताने का निर्देश दिया है।

पीठ ने नाबालिगों के साथ बलात्कार की हाल की घटनाओं का संज्ञान लेते हुए पुलिस को ऐसे अपराधों के रोकथाम पर गौर करने तथा विशेष कार्यबल बनाकर ऐसे मामलों की त्वरित सुनवाई करने का भी निर्देश दिया है। अदालत ने फोरेंसिक सैंपलों का परीक्षण भी शीघ्रता से करने का निर्देश दिया।

अदालत ने यह निर्देश एवं टिप्पणियां 2012 में दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान दिये। यह याचिका राजघानी में 16 दिसंबर, 2012 को एक युवती से चलती बस में सामूहिक बलात्कार की घटना के बाद दायर की गयी थी। इस युवती की बाद में इलाज के दौरान मृत्यु हो गयी थी।

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